हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

मक्खन घास के सेवन से पशुओं के दूध उत्पादन में होगी 25 से 30 फीसद तक वृद्धि !

WhatsApp Group Join Now
Instagram Group Join Now
Telegram Group Join Now

सर्दियों का मौसम आने वाला है. इसलिए पशुओं के खाने पर पशुपालकों को खासा ध्यान रखना चाहिए. उन्हें अपने पशुओं को ऐसी चीजों का सेवन करवाना चाहिए. जिससे पशु स्वस्थ और तंदरुस्त रहें क्योंकि सर्दियों में पशु को अगर संतुलित और सही आहार नहीं मिलता है तो वह बहुत जल्द बीमारी के शिकार होने लगते हैं जिस वजह से उनके दूध के उत्पादन में भी काफी हद तक कमी आने लग जाती है क्योंकि ज्यादातर पशुपालक सर्दियों में अपने पशुओं को हरी बरसीम घास खिलाते हैं.

 

जोकि ज्यादा पौष्टिक नहीं होती और साथ ही दूध उत्पादन में भी कमी लाती है. तो ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख में पशुओं के सेवन के लिए एक ऐसी खास घास के बारे में बताएंगे जो आपने स्वाद के साथ -साथ पौष्टिक भी होगी और दूध उत्पादन में भी वृद्धि करेगी.

 

क्यों खिलानी चाहिए मक्खन घास ?

पशुपालको को सर्दियों में अपने पशुओं को हरी बरसीम खिलने के बजाय ‘मक्खन घास’ (Butter Grass) खिलानी चाहिए. क्योंकि यह पशुओं के लिए काफी ज्यादा पौष्टिक और फायदेमंद होती है. इसके सेवन से पशुओं के दूध उत्पादन में 25 से 30 फीसद तक वृद्धि होती है.

 

कीटों को रखती है दूर

हरी बरसीम घास में बहुत जल्दी कीट (कीड़ा) लगता है, पर मक्खन घास में कीट लगने की समस्या नहीं होती.

 

कब उगाई जाती है ये घास ?

यह घास विशेष तौर पर सर्दियों में ही उगाई जाती है. इस घास के बीजों को 1 हेक्टेयर प्रति किलो की दर से बोया जाता है. इसकी बुवाई अक्टूबर से दिसंबर माह में की जाती है. इसकी बुवाई यदि अक्टूबर माह में की जाए तो आप इसकी कटाई आराम से 35 से 40 दिनों के अंतराल कर सकते हैं. इसकी दूसरी कटाई की बात करें तो, वे 20 से 25 दिनों के अंदर आराम से की जा सकती है. ‘मक्खन घास’ की सालभर में 5 से 6 बार आसानी से कटाई की जा सकती है.

 

इस घास की शुरुआत कहां से हुई ?

इसकी सबसे पहले शुरुआत पंजाब, हरियाणा राज्य में हुई थी. सबसे पहले यह 2 हज़ार किलो से शुरू हुई और आज इसका पूरे पंजाब में 100 मीट्रिक टन से भी ज्यादा बीज लगाया जाता है. इसकी सबसे ज्यादा बिक्री पंजाब, हरियाणा में की जाती है.

 

कितनी है इसके बीजों की कीमत ?

अगर हम मक्खन घास के बीज की कीमत की बात करें, तो इसके बीज बाजार में 400 रुपए प्रति किलो तक बिकते हैं.

 

कैसे होती है इसकी खेती ?

इसकी खेती आप हर प्रकार की मिट्टी में कर सकते हैं. जिसका पीएच लेवल (PH Level) 6.5 से 7 तक हो.

 

इसके अलावा यह फसल 10 से 15 दिन में अंकुरित होना शुरू हो जाती है. इसे आप बरसीम के साथ भी उगा सकते हैं. इसके बीज अंकुरण प्रक्रिया में 2 से 3 सप्ताह में एक बार सिंचाई की जरूरत होती है.

 

source : कृषि जागरण

 

शेयर करे