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खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए 10,900 करोड़ की योजना मंजूर

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्रीय योजना खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) को मंजूरी दी।

इस योजना में 10,900 करोड़ रुपए का प्रावधान है और इसका उद्देश्य देश को वैश्विक स्तर पर फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर लाना है तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों के ब्रांडों को बढ़ावा देना है।

 

योजना की खास बात

  • इसके पहले घटक में चार बड़े खाद्य उत्पादों (रेडी टू कुक/ रेडी टू ईट) भोजन, प्रसंस्कृत फल एवं सब्जियां, सी फूड और मोजरेला चीज़ शामिल है।
  • साथ ही अंडे, पोल्ट्री मांस, अंडे भी ऊपरी घटक में शामिल हैं।
  • चयनित उद्यमियों को पहले दो वर्षों 2020-21 और 2022-23 में उनके आवेदन पत्र (न्यूनतम निर्धारित) में वर्णित संयंत्र एवं मशीनरी में निवेश करना होगा।
  • दूसरा घटक ब्रांडिंग तथा विदेशों में मार्केंटिंग से संबंधित है।
  • योजना 2021-22 से 2026-27 तक छह वर्षों की अवधि के लिए लागू रहेगी।

 

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रोजगार

  • इस योजना के लागू होने से प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ेगी और ताकि 33,494 करोड़ रुपए का अनुमानित प्रसंस्कृत खाद्य तैयार हो सके।
  • वर्ष 2026-27 तक लगभग 2.5 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार मिलेगा।

 

योजना कैसे लागू होगी?

  • यह योजना पूरे देश में के लिए है। परियोजना प्रबंधन एजेंसी (पीएमए) पर दायित्व।
  • पीएमए आवेदनों/ प्रस्तावों के मूल्यांकन, समर्थन के लिए पात्रता के सत्यापन, प्रोत्साहन वितरण के लिए पात्र दावों की जांच के लिए उत्तरदायी होगी।
  • योजना के तहत 2026-27 में समाप्त होने वाले छह वर्षों के लिए प्रोत्साहन राशि का भुगतान होगा। वर्ग विशेष के लिए देय योग्य प्रोत्साहन अगले वर्ष में भुगतान के लिए देय रहेगा।

 

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