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अब घर पर बनाएं अपना मिनी कोल्ड स्टोरेज

 

बिना बिजली-बैट्री करेगा काम

इस कोल्ड स्टोरेज में बाहर और अंदर के तापमान में बड़ा अंतर दिखता है.

गर्मियों में बाहर का तापमान जहां 34 डिग्री तक जाता है, वही अंदर यह 3 डिग्री तक होता है. खर्च 4.5 लाख के आसपास है लेकिन सरकार आजकल इन कार्यों के लिए सब्सिडी दे रही है.

 

किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज की समस्या बड़ी है, खासकर सब्जी और फल उगाने वालों के लिए. अपनी फल-सब्जी को किसी कोल्ड स्टोरेज को किराये पर रखना होता है या औने-पौने दामों पर उसे बेचना होता है.

कोल्ड स्टोरेज ज्यादातर सरकारी या प्राइवेट कंपनियों के हैं जिसमें भंडारण के लिए किसानों को अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है.

अब इस समस्या से निजात मिलती दिख रही है क्योंकि पूसा स्थित IARI की एक वैज्ञानिक ने ऐसा कोल्ड स्टोर बनाया है जो बिना बिजली या बैट्री के चलेगा. कोई किसान आसानी से अपने घर पर इसे लगा सकेगा.

 

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घर पर लगाए जाने वाले इस कोल्ड स्टोरेज का नाम पूसा सनफ्रिज है. जैसा कि नाम से जाहिर है कि यह कोल्ड स्टोरेज एक फ्रिज की तरह काम करेगा जिसे सौर ऊर्जा पर चलाया जा सकेगा.

इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (IARI) की प्रधान वैज्ञानिक संगीता चोपड़ा ने इस सनफ्रिज का इजाद किया है जिसकी मदद से किसान घर पर अपना कोल्ड स्टोरेज लगा सकते हैं. संगीता चोपड़ा ने पूसा फार्म सनफ्रिज का निर्माण किया है जो कोल्ड स्टोरेज की तरह काम करता है.

 

कैसे करता है काम

यह ऐसा कोल्ड स्टोर है जो सिर्फ और सिर्फ धूप या सौर ऊर्जा से चलता है. बाहर जितनी धूप तेजी होगी, अंदर उतना ही कमरा ठंडा होगा और रेफ्रिजरेशन का काम भी तेज करेगा.

इस कोल्ड स्टोर में दिन में तापमान 3-4 डिग्री तक रहता है. इसकी खासियत है कि इसे चलाने के लिए बिजली की जरूरत नहीं होती, न ही किसी केमिकट बैट्री की.

इसे चलाने के लिए पानी की बैट्री बनाई गई है जो सिर्फ पानी पर चलती है और रात में जब धूप नहीं होती तो कोल्ड स्टोर को ऊर्जा देती है.

 

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3 डिग्री तक होगा तापमान

बाहर से इसकी बनावट भी काफी पेचीदा नहीं है और न ही कुछ ज्यादा खर्च है. बाहर से कपड़े की टाट लगाई गई है जिसे भिंगो कर रखा जाता है ताकि अंदर ठंड बनी रहे.

ठीक वैसे ही जैसे घड़े को बाहर से भिंगाते हैं ताकि अंदर का पानी ठंडा रहे. इस कोल्ड स्टोरेज में बाहर और अंदर के तापमान में बड़ा अंतर दिखता है.

गर्मियों में बाहर का तापमान जहां 34 डिग्री तक जाता है, वही अंदर यह 3 डिग्री तक होता है. इससे फलों और सब्जियों को संभाल कर रखा जा सकता है.

गर्मियों में फल-सब्जियां ज्यादा तापमान नहीं झेल पाते और जल्द खराब हो जाते हैं. इससे निजात दिलाने में यह कोल्ड स्टोर कारगर साबित हो सकता है.

 

सोलर पैनल से मिलेगी ऊर्जा

कोल्ड स्टोर की छत पीवीसी पाइपों से बनी है जिसमें पानी डलता है. किसानों के लिए यह पाइप सुलभ है क्योंकि इसकी कीमत भी कम होती है. किसानों को इस पर ज्यादा पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

पीवीसी पाइप के जरिये पानी की बैट्री बनाई जाती है जो रात को कमरे को ठंडा रखती है. दरअसल, इसमें जो रेफ्रिजरेंट लगा है वह 75 परसेंट पानी को ठंडा करता है और 25 परसेंट उसे हवा ठंडा करती है.

छत पर सोलर पैनल लगे हैं और बाहरी दीवार को कपड़े और थर्मोकोल से बनाया गया है.

 

कितना आएगा खर्च

कुल खर्च की बात करें तो इसे बनाने में 4.5 लाख रुपये का खर्च आ रहा है. लेकिन किसी बड़े कोल्ड स्टोर से इसकी तुलना करें तो यह किफायती है.

साथ ही, किसान अगर अपने से इसे बनाने की कोशिश करे और अपनी मेहनत लगाए तो लागत बहुत कम हो सकती है.

इसे लगाने में आर्थिक तौर पर बड़ी परेशानी नहीं आएगी क्योंकि सरकार की तरफ से कई क्षेत्रों में सब्सिडी दी जा रही है.

सौर ऊर्जा के लिए हो या कोल्ड स्टोरेज बनाने की बात हो, सरकार इसके लिए सब्सिडी दे रही है.

सब्सिडी के माध्यम से किसान इस तरह का कोल्ड हाउस बना सकते हैं और अपने उत्पाद को खराब होने से बचा सकते हैं.

 

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