बुवाई से पहले ही मालूम चल जाएंगे फसल के दाम और डिमांड
अभी कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है, जिससे किसानों को फसल उगाने से पहले इस बात का मालूम चल पाए कि बाजार में उनके फसल की मांग कितनी होगी.
अच्छी बारिश होने पर बंपर पैदावार की उम्मीद होती है.
देश के सभी छोटे-बड़े किसानों को सरकार एक ऐसे मंच पर जोड़ने की तैयारी कर रही है, जहां उन्हें समय पर कृषि और बाजार की जानकारी मिलेगी.
साथ ही इस प्लेटफॉर्म के जरिए किसान अपनी फसल भी बेच सकेंगे. इस प्रोजेक्ट को एग्रीस्टैक नाम दिया गया है.
इसकी शुरुआत बतौर पायलट प्रोजेक्ट सात राज्यों में हो रही है. इन राज्यों के 800 गांवों से किसानों व उनकी कृषि भूमि का डाटा एकत्र करके एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा.
दूसरी ओर इस प्रोजेक्ट को लेकर एक्सपर्ट्स में चिंता है कि कहीं करोड़ों छोटे किसानों का डाटा पूंजीपतियों के हाथ न लग जाए.
भारत सरकार का कृषि मंत्रालाय खेती-किसानी को स्मार्ट बनाने के लिए एग्रीस्टैक नाम से एक डिजिटल सेवा शुरू करने जा रहा है.
हर कृषि भूमि को माना जाएगा एक यूनिट
मंत्रालय के डिजिटल एग्रीकल्चर प्रमुख संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में हर कृषि भूमि को एक यूनिट की तरह माना जाएगा.
इन सभी यूनिटों के डाटा प्वाइंट को एग्रीस्टैक से जोड़ा जाएगा. इसके बाद पब्लिक व निजी क्षेत्र की सेवाओं को इस प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा.
यह भी पढ़े : सोयाबीन की अधिक पैदावार के लिए किसान रखें इन बातों का ध्यान
कई कंपनियों के साथ करार
इस प्लेटफॉर्म को बनाने के लिए कृषि मंत्रालय ने पिछले अप्रैल के महीने से लेकर जून तक कई प्रतिष्ठित टेक कंपनियों माइक्रोसॉफ्ट कॉप, अमेजन वेब सर्विस, पतंजलि ऑर्गेनिक रिसर्च संस्थान, स्टार एग्रीबाजार टेक्नोलॉजी लिमिटेड, ईएसआरआई, इंडिया टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, के साथ करार किया है.
राज्यों से समन्वय को लेकर भी केंद्र के स्तर पर प्रक्रिया की जा रही है.
दूर होगी किसानों की यह समस्या
अभी कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है, जिससे किसानों को फसल उगाने से पहले इस बात का मालूम चल पाए कि बाजार में उनके फसल की मांग कितनी होगी.
अच्छी बारिश होने पर बंपर पैदावार की उम्मीद होती है. पर ऐसे में कई बार होलसेल दामों में बड़ी गिरावट का सामना किसानों को करना पड़ता है.
इसलिए किसान हमेशा अपनी फसल को लेकर चिंतित रहते हैं. इस स्थिति में बदलाव लाने के लिए सरकार ये प्रोजेक्ट शुरू कर रही है.
खेती से जुड़ी हर जानकारी देगी सरकार
एग्रीस्टैक में सभी किसानों को एक यूनिट आईडी दी जाएगी, जो उनके आधार नंबर से जुड़ी होगी. इस आईडी में किसानों के जमीन जानकारी मौजूद होगी.
जमीन की उपज और उगाई जाने वाली फसलों की जानकारी भी इसमें शामिल होगी. केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाले सभी लाभ किसानों को मिलेंगे.
इस प्रोजेक्ट के तहत जमीनी स्तर का ऐसा डाटा जुटाया जाएगा, जिससे सरकार किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी हर जानकारियां उपलब्ध करवा सके.
जैसे क्या उगाना चाहिए, किस बाजार में फसलों की कीमत अच्छी मिलेगी. कृषि लोन से लेकर बाजार भाव तक की हर जानकारी यहां मिलेगी.
इस प्रोजेक्ट से बढ़ेगा निवेश
कृषि आधारित स्टार्टअप कंपनी ओमनीवोर के सह संस्थापक मॉर्क कॉन ने एत मीडिया संस्थान से बातचीत में बताया, “इस प्रोजे्क्ट से कृषि क्षेत्र में छोटे उद्यमों को उभरने का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि अभी किसानों का जनधन खाता, आधार नंबर और मोबाइल नंबर उपलब्ध है. अगर एग्रीस्टैक के तहत फसल और उनकी जमीन से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध होंगी तो यह बड़ी सफलता होगी.”
उन्होंने बताया कि पिछले पांच से सात साल के भीतर कृषि क्षेत्र में एग्री-टेक स्टार्टअप कंपनियों ने 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया है.
एग्रीस्टैक के जरिए इस क्षेत्र में और निवेश का रास्ता खुल जाएगा.
यह भी पढ़े : सब्सिडी पर आम की बागवानी और वाक इन टनल विथ सीडलिंग ट्रे खेती के लिए आवेदन करें
शेयर करे