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खरीफ सीजन में किसान सोयाबीन की खेती न करें- कृषि मंत्री

 

खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई मानसून पर निर्भर होती है, इसलिए किसानों के लिए मानसून बहुत महत्वपूर्ण होता है.

देश के कई राज्यों में मानसून दस्तक दे चुका है, तो वहीं मध्य प्रदेश में भी मानसून का आगमन हो चुका है, जिसके बाद किसान खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई करने की तैयारी में जुटे गए हैं.

 

इस बीच कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों को एक जरूरी सलाह दी है कि किसान इस समय सोयाबीन की फसल न उगाएं.

आइए आपको बताते हैं कि कृषि मंत्री ने किसानों को ये सलाह क्यों दी है.

 

सोयाबीन की खेती न करें किसान

कृषि मंत्री कमल पटेल का मानना है कि इस बार किसानों को सोयाबीन की खेती नहीं करनी चाहिए, क्योंकि पिछले 30 से 35 साल से लगातार सोयाबीन की बुवाई हो रही है.

इस वजह से सोयाबीन की पैदावार कम होने लगी है, इसलिए राज्य में सोयाबीन के बीजों की भी कमी है.

ऐसे में अगर किसान सोयाबीन की खेती करते हैं, तो उनकी लागत भी ज्यादा लगेगी.

ऐसे में अच्छा होगा कि किसान सोयाबीन के बदले अन्य फसलों की बुवाई करें.

 

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खराब हो रही सोयाबीन की फसल

मध्य प्रदेश में कभी सोयाबीन की फसल को पीला सोना कहा जाता था, लेकिन पिछले 5 साल से लगातार फसल खराब हो रही है.

अब यह फसल किसानों के लिए घाटे का सौदा बन चुकी है, इसलिए कृषि मंत्री का अनुरोध है कि किसानों को अब फसल चक्र में परिवर्तन करना चाहिए.

 

इन फसलों की करें बुवाई

खरीफ सीजन में किसान भाई फसल चक्र में परिवर्तन करके कई अन्य कर सकते हैं.

इसमें अरहर, ज्वार, उडद, मक्का और अन्य फसलें शामिल हैं. किसान इन फसलों की खेती पर विशेष ध्यान दें.

इससे अन्य फसलों का उत्पादन बढ़ेगा, साथ ही किसानों को अच्छा मुनाफा भी मिलेगा.

 

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