जानें क्या है आत्मा योजना और कैसे मिलेगा इसका लाभ
कृषि वैज्ञानिक भी यह मानते हैं कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उन्हें वैज्ञानिक तरीके के खेती करनी होगी.
हमारे देश में प्रति क्षेत्रफल पैदावार बेहद कम है उसे बढ़ाना होगा. इसके लिए जरूरी है कि किसानों को नयी तकनीक की जानकारी देनी होगी.
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आत्मा योजना की शुरुआत की गयी है. इस योजना के तहत किसानों को आधुनिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
इसके साथ ही उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाता है. ताकि हमारे देश के किसानों की आय दोगुना किया जा सके.
योजना के तहत किसानों को खेती बारी के बदलते तरीकों के बारे में बताया जाता है और उनसे खेती के उन उपायों को अपनाने के लिए कहा जाता है.
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किसानों को दी जाती है नयी तकनीक की जानकारी
योजना के तहत किसानों को नयी तकनीकों की जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाता है. आत्मा योजना का उद्देश्य छोटे किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है.
इसके तहत किसानों को जैविक खेती के बारे में नयी-नयी चीजें बतायी जाती हैं और उन्हें नये उपायों को अपनाने के लिए कहा जाता है.
कृषि विज्ञान केंद्र से करे संपर्क
सरकार की इस योजना को देश के 684 जिलों में लागू कर दिया गया है. इसके तहत समय समय पर किसानों का प्रशिक्षण किया जाएगा.
इसके अलावा कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है. किसानों को एक्सपोजर विजिट के लिए ले जाया जाता है.
साथ ही किसान समूहों को एक साथ करके उनके लिए फार्मिंग स्कूल का संचालन किया जाएगा.
इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं.
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आधुनिक खेती से बढ़ेगी आय
इस योजना की मदद से किसानों और कृषि वैज्ञानिको के बीच संवाद स्थापित करना है. इस तरह से किसान बेहतर उत्पादन कर पायेंगे और उनकी आय बढ़ेगी.
गौरतलब है कि कम लागत में अच्छी पैदावार पाने के लिए वैज्ञानिक विधि से खेती करना जरूरी है.
आंकड़ों के मुताबिक योजना के तहत अब तक देश के लगभग 20 लाख किसानों को इसकी ट्रेनिंग दी जा चुकी है.
उल्लेखनीय है कि पहले भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अपने कृषि विज्ञान केंद्रों के नेटवर्क के जरिये किसानों की क्षमता को विकसित करने का कार्य करता है
. उन्हें नयी तकनीक की जानकारी देता है. योजना के तहत दलहन, तिलहन, बागवानी और अनाज की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जाता है.
इसके अलावा किसानों को सुगंधित पौधे, नारियल काजू और बांस की खेती के बारे में बताया जाता है.
कृषि वैज्ञानिक भी यह मानते हैं कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उन्हें वैज्ञानिक तरीके के खेती करनी होगी.
हमारे देश में प्रति क्षेत्रफल पैदावार बेहद कम है उसे बढ़ाना होगा. इसके लिए जरूरी है कि किसानों को नयी तकनीक की जानकारी देनी होगी उन्हे तकनीक से जोड़ना होगा.
क्योंकि अभी भी हमारे देश के किसान कई मायनों में पीछे हैं. कई किसान अभी भी पारंपरिक खेती ही करते हैं.
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