सोयाबीन में कीट-रोग एवं उनका नियंत्रण
सोयाबीन की बुवाई को लगभग 40-50 दिन होने वाले हैं, इस समय में फसल पर कीट एवं रोगों का प्रकोप बढ़ने की संभावना सबसे अधिक होती है|
सोयाबीन की फसल को नुकसान से बचाने के लिए जरुरी है कि किसान समय पर कीट-रोगों की पहचान कर उनका नियंत्रण करें |
किसानों को सोयाबीन की फसल में इस समय पर लगने वाले कीट रोगों से बचाव के लिए यह कार्य करना चाहिए:
चक्र भ्रंग तथा इल्लियों का नियंत्रण
चक्र भृंग तथा पत्ती खाने वाली इल्लियों के एक साथ नियंत्रण हेतु पूर्वमिश्रित कीटनाशक नोवाल्युरौन + इंडोक्साकार्ब (850 मिली/हे.) या बीटासायफ्लूथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) या पुर्वमिश्रित थायमिथोकसम + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन (125 मिली./हे.) का छिडकाव करें |
इनके छिडकाव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है |
चक्र भृंग नियंत्रण हेतु थायक्लोप्रिड 21.7 एस.सी. 750 मिली/हे. या प्रोफेनोफाँस 50 ई.सी. (1250 मिली./हे.) या पुर्वमिश्रित बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./है.) या पूर्वमिश्रित थायमिथोकसम + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन (125 मिली./हे.) या इमामेक्टीन बेन्जोएट (425 मिली.हे.) का 500 लीटर पानी के साथ 1 हेक्टेयर में छिडकाव करें |
यह भी सलाह दी जाती है कि इसके फैलाव की रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे के ग्रसित भाग को तोड़कर नष्ट कर दें |
पीला मोजेक रोग का नियंत्रण
इस रोग के नियंत्रण हेतु सलाह है कि तत्काल रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर बहार कर देना चाहिए तथा इन रोगों को फैलाने वाले वाहक सफेद मक्खी की रोकथाम हेतु पुर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन (125 मिली./हे.) या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली./हे.) का छिडकाव करें |
इनके छिडकाव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है | सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए किसान अपने खेत पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं |
फफूंदजनित रोगों का नियंत्रण
- कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल पर एथ्राक्नोज तथा रायजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट जैसे फफूंदजनित रोगों के प्रारंभिक लक्ष्ण देखे गए हैं | इसके नियंत्रण हेतु सलाह हैं कि टेबूकोनाजोल (625 मिली./हे.) या टेबूकोनाजोल + सल्फर (1 किलोग्राम /हे.) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20 डब्लू.जी. (500 ग्राम/हे.) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन + इपोकसीकोनाजोल (750 मिली.हे.) या फ्लुक्सापायरोक्साड (300 मिली./हे.) या टेबूकोनाजोल + ट्रायफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 350 मिली./हे. का छिड़काव करें |
कीट का नियंत्रण
- सोयाबीन की फसल में पक्षियों की बैठक हेतु “T” आकार के बर्ड–पर्चेस लगाये इससे कीट – भक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है |
- किसी भी प्रकार का कृषि – आदान क्रय करते समय दुकानदार से हमेशा पक्का बिल लें जिस पर बेच नंबर एवं एक्सपायरी दिनांक स्पष्ट लिखा हो |
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