कोरोना लॉकडाउन की वजह से हो रही परेशानी कम करने के लिए सरकार ने किसानों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। इसके तहत किसानों के अल्पकालिक फसली ऋण के भुगतान की अवधि को 31 मई तक बढ़ा दी गई है। जबकि अल्पकालिक फसली ऋणों की अदायगी की अंतिम तारीख 31 मार्च है, जिस पर सरकार की ओर से ब्याज दर पर दो फीसद की छूट दी जाती है।
कृषि ऋण पर ब्याज दरों में छूट
देशव्यापी लॉकडाउन से किसानों की कठिनाइयों को समझते हुए केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है। चार फीसद की ब्याज दर पर ही किसान अपने ऋण का भुगतान कर सकेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन का आभार व्यक्त किया।
देशव्यापी लॉकडाउन के कारण 31 मार्च तक बैंकों के कर्ज का भुगतान संभव नहीं था
रबी सीजन की खेती के लिए बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से किसानों द्वारा लिए गये ऋण का भुगतान मात्र चार फीसद की ब्याज दर पर ऋण लौटाने का प्रावधान 31 मार्च तक है, लेकिन देशभर में लॉकडाउन की वजह से किसानों के लिए कर्ज का भुगतान करना संभव नहीं हो पा रहा था इसके मद्देनजर सरकार ने इसकी अवधि बढ़ाने का फैसला किया है।
किसानों को तीन लाख तक का कृषि ऋण चार फीसद की दर पर मिलता है
दरअसल, सरकार किसानों को उनके खेती के कामकाज के लिए कई तरह की रियायतें बैंक से ऋण लेने पर देती है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें होती हैं, जिनमें समय से ऋण लौटाना प्रमुख है। इससे किसानों को तीन लाख रुपये तक के कृषि ऋण पर चार फीसद की दर से ऋण प्राप्त होता है।
फसली ऋण पर दो फीसदी ब्याज माफ
कोविड-19 की महामारी को देखते हुए लॉकडाउन का ऐलान किया गया है, जिससे किसान ऋण अदायगी के लिए बैंकों की शाखाओं तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस तरह की शिकायतों को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है। इसके तहत किसानों को उनके लिए फसली ऋण पर दो फीसदी की ब्याज माफी और तीन फीसद का तत्काल भुगतान प्रोत्साहन का लाभ 31 मई, 2020 तक प्राप्त होगा।
फसल कटाई प्रतिबंधों से मुक्त
इसके पहले केंद्र सरकार ने लॉकडाउन से होने वाली परेशानी को कम करने के लिए किसानों के हित में कई अहम कदम उठाये हैं। इनमें फसल कटाई से जुड़ी गतिविधियों को प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया गया है। एपीएमसी से संचालित मंडियों, खाद व बीज की दुकानों के साथ अऩ्य कई तरह की कृषि गतिविधियों को मुक्त कर दिया गया है।
source:jagran