इस पेड़ की खेती से मालामाल बनें किसान
मालाबार नीम के पेड़ों का उपयोग अनेक प्रकार की चीजों को बनाने के लिए करते हैं.
इसकी लकड़ी का इस्तेमाल अनेक प्रकार के फर्नीचर, पैकिंग बॉक्स और क्रिकेट स्टीक को बनाने में करते है.
दीमक नहीं लगने के कारण इसकी लकड़ियां सालों तक सुरक्षित रहती हैं.
भारत में सबसे ज्यादा तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल राज्य के किसान मालाबार नीम के पेड़ों की खेती करते हैं.
फिलहाल, धीरे-धीरे अन्य राज्यों के किसानों ने भी इसकी खेती की तरफ रुख किया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि अन्य पेड़ों के मुकाबले मालाबार नीम का पौधा बेहद तेजी से विकास करता है और ज्यादा मुनाफा देता है.
कैसी मिटटी में उगवाया जा सकता है
सिंचाई के अच्छे साधन मौजूद होने पर ये पेड़ महज 5 सालों में ही कटाई लायक तैयार हो जाता है.
इसके अलावा कम सिंचिंत क्षेत्र में भी इस पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचता है. इसे किसी भी तरह की मिट्टी में उगवाया जा सकता है.
गहरी उपजाऊ रेतीली दोमट मिट्टी व उथली बजरी मिट्टी में ये पेड़ ठीक से विकास करता है.
इसका उपयोग
मालाबार नीम के पेड़ो का उपयोग अनेक प्रकार की चीजों को बनाने के लिए करते है, इसकी लकड़ी का इस्तेमाल अनेक प्रकार के फर्नीचर, पैकिंग बॉक्स और क्रिकेट स्टीक को बनाने में करते है.
इसके अलावा कृषि संबंधित, उपकरण, तिल्लियों, पेन्सिल और पैकिंग बॉक्स को बनाने के लिए इसकी लकड़ियां उपयोग में की जाती है.
औषधीय गुण होने की वजह से पौधे में दीमक नहीं लगता है, जिसके कारण सालों साल इसकी लकड़ियां सुरक्षित रहती हैं.
कमाई
मालाबार नीम के पेड़ो को तैयार होने में 5 से 8 वर्ष का समय लग जाता है.
चार एकड़ के खेत में तक़रीबन 5 हज़ार पेड़ो को लगाया जा सकता हैय इसके वृक्ष 6 से 8 वर्ष में कटाई के लिए तैयार हो जाते है.
किसान भाई 4 एकड़ के खेत में मालाबार नीम के पौधों को लगाकर 8 वर्ष में 50 लाख तक की कमाई कर सकते है.
वह जितने ज्यादा रकबे में इस पेड़ की खेती करेंगे उनका मुनाफा उतना बढ़ता जाएगा.
source : aajtak
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