केले की फसल
म.प्र. के कई जिलों में केले का उत्पादन हो रहा है और केला उत्पादक किसान अच्छी आय भी अर्जित कर रहे हैं, लेकिन नरसिंगपुर जिले के चीचली विकासखंड के ग्राम बारछी के किसान श्री काशीराम पिता दुर्गाप्रसाद पटेल ने जिले में बड़े रकबे में लगातार तीसरे साल केले की फसल लगाकर सफलता की नई मिसाल कायम पेश की है।
अब यह अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं।
बुरहानपुर जिले में अपने रिश्तेदार के यहां केले की फसल का अवलोकन करने के बाद कृषक को अपने यहां केला लगाने का विचार आया।
उन्होंने जलगांव की एक कम्पनी से पौधे बुलवा कर 2.500 हेक्टेयर में जी-9 किस्म का टिश्यू कल्चर का केला लगाया।
समय-समय पर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों का उचित मार्गदर्शन मिलता रहता है जिससे उन्हें केले का अच्छा उत्पादन मिलता जा रहा है।
2.500 हेक्टेयर में लगाई केले की फसल
काशीराम पटेल ने बताया कि वह 2.500 हेक्टेयर में केले की खेती कर रहे हैं।
सिंचाई के लिये ड्रिप पद्धति का उपयोग कर रहे हैं। एक हे. में लगभग 4000 केले के पौधे लगाए जाते हैं।
सभी पौधे 5 बाय 5 फिट की दूरी पर लगाए गए हैं।
उन्होंने लॉकडाउन के दौरान जून माह में 2.500 हेक्टेयर में केले के लगभग 10,000 पौधे लगाये थे।
उन्हें अभी तक लगभग 8 लाख रूपये की लागत आई है।
एक पौधे में लगेंगे 25-35 किलो फल
एक पौधे में लगभग 25 से 35 किलो तक फल लगेगा। अच्छी गुणवत्ता का फल होने पर 15 रुपए प्रति किलो के भाव से बिकेगा।
उन्होंने बताया कि वे पौधे का विशेषज्ञों के बताए अनुसार पूरा ध्यान रख रहे हैं ताकि फल की गुणवत्ता अच्छी हो।
केले की डिमान्ड एकदम गिरने तथा मजदूरों की कमी के कारण केले की खेती करने वाले कई किसानों इस सीजन में खेती नहीं कर रहे हैं।
जिसके चलते आने वाले जून-जुलाई माह में केले की मांग तेजी से बढऩे के कारण ज्यादा मुनाफे की उम्मीद है।
source : krishakjagat
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