ट्रैक्टर का इस्तेमाल कृषि के कार्यों में ज्यादा होता है. इसलिए इसे अधिक ताकतवर बनाया जाता है.
ट्रैक्टर में खेती की जरूरत के अनुसार उपकरण लग जाते हैं.
ट्रैक्टर का इस्तेमाल खेती किसानी के कामों में सबसे ज्यादा होता है.
लेकिन इसकी बनावट अन्य वाहनों से काफी अलग क्यों होती है. आज हम आपको बताते हैं…
अलग क्यों होता है ट्रैक्टर
दरअसल, ट्रैक्टर अन्य वाहनों से देखने में अलग होता है इसमें कई विशेषताएं होती हैं जो इसे कृषि कार्यों के लिए अनुकूल बनाती हैं.
ज्यादातर ट्रैक्टरों का इस्तेमाल कठोर परिस्थितियों में होता है. इसलिए इसका मजबूत और टिकाऊ होना जरूरी है.
ट्रैक्टरों के लिए आमतौर पर मोटी इस्पात प्लेटों और चेसिस का इस्तेमाल किया जाता है.
साथ ही ये कीचड़ आदि में ना फसे इसके लिए इसमें बड़े पहिए लगे होते हैं.
बड़े टायरों का क्या काम ?
ट्रैक्टर के पहिए अन्य वाहनों की तुलना में काफी ज्यादा बड़े होते हैं. इससे उन्हें खेतों में चलने में आसानी होती है.
ट्रैक्टर में लगे बड़े टायरों की दरारें मिट्टी को अच्छे से पकड़ती हैं.
जिससे टायर आसानी से निकल जाता है और उसे आवश्यक घर्षण मिलता है. ट्रैक्टर में बड़े टायर संतुलन ना बिगड़े इसलिए लगाए जाते हैं.
यदि ट्रैक्टर में आगे बड़े टायर लगा दिया जाए तो ट्रैक्टर चलाना मुश्किल हो जाएगा.
कई कामों किया जाता है उपयोग
अन्य वाहनों के मुकाबले ट्रैक्टर का ग्राउंड क्लीयरेंस ज्यादा होता है.
जिस कारण खराब से खराब सड़क व जगह पर ये आसानी से चल जाता है.
खेती के दौरान ट्रैक्टरों को अक्सर भारी उपकरणों को खींचने या चलाने की आवश्यकता होती है.
इसलिए ट्रैक्टरों में शक्तिशाली इंजन लगे होते हैं जो इन कृषि से जुड़े काम को करने में सक्षम होते हैं.
इसके अलावा खेती के ट्रैक्टरों को अक्सर विभिन्न प्रकार के कृषि कार्यों के लिए अनुकूल बनाया जाता है.
ट्रैक्टरों को जुताई, बुवाई, और फसल कटाई के लिए अनुकूल बनाया जाता है.