देश में मोटे अनाज (श्री अन्न) का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं।
किसानों को इन फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सके इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है।
इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना शुरू करने का निर्णय लिया है।
योजना के तहत श्री अन्न की खेती करने वाले किसानों को 10 रुपये प्रति किलो की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना
बुधवार 3 जनवरी के दिन हुई मंत्री मंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में जबलपुर के शक्ति भवन में मंत्रि-परिषद की बैठक आयोजित की गई थी।
मंत्री परिषद की बैठक में सरकार ने श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया है।
क्या है रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना
- श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत मोटे अनाज (श्री अन्न)
- कोदो-कुटकी,
- रागी,
- ज्वार,
- बाजरा आदि के
उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।
यह राशि सीधे किसानों के खाते में अंतरित की जाएगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में एक नई मिलेट क्रांति का शुभारंभ किया है।
उनकी पहल पर वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया था।
मध्यप्रदेश में कोदो-कुटकी की खेती मण्डला, डिण्डोरी, बालाघाट, छिन्दवाड़ा, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, सिवनी और बैतूल जिलों में होती है।
कोदो-कुटकी के किसानों की आय में वृद्धि के लिए फसल उत्पादन, भण्डारण, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, उपार्जन, ब्राण्ड बिल्डिंग के साथ वैल्यू चेन विकसित करने के उद्देश्य से रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू की गई है।
तेंदूपत्ता संग्रहण वालों को मिलेगा 4 हजार रुपए प्रति बोरा
मंत्रि-परिषद ने तेन्दूपत्ता संग्रहण दर में वृद्धि करने का निर्णय लिया हैं।
तेंदूपत्ता संग्रहण की दर 3 हजार रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा की गई है।
इस निर्णय से प्रदेश के 35 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहकों को लगभग 165 करोड़ रुपए का अतिरिक्त पारिश्रमिक प्राप्त होगा।
बता दें कि वर्ष 2022 से इसे बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रति बोरा की गई थी। अब तेंदूपत्ता संग्रहण दर 4 हजार रुपए प्रति बोरा कर दिया गया है।
बैठक में मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश में बुनियादी सिंचाई सुविधाओं का विकास करने की दृष्टि से और सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए 32 हजार करोड़ रुपए की सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण की कार्यवाही की अनुमति दी है।