चूहे और छछूंदर से फैलने वाली बिमारी लेप्टोस्पायरोसिस और स्क्रब टाइफस रोग पर सरकार ने एडवाइजरी जारी की है.
किसानों में इस रोग के फैलने का खतरा अधिक रहता है.
क्योंकि खेतों में मौजूद चूहे से यह किसानों के शरीर में प्रवेश कर जाता है.
ऐसे में किसान खुद को किस तरह इस बिमारी से बचाव कर सकते हैं, जानिए.
बचाव के लिए कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी
देश के अन्नदाता को अपनी फसल की बुवाई से कटाई तक न जानें कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
इनमें मौसम की मार से लेकर आर्थिक मार शामिल हैं. इसी क्रम में किसानों के लिए चूहे और छछूंदर से होने वाले रोग भी शामिल हैं.
ऐसे में सरकार के तरफ से संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है.
चूहे और छछूंदर खेतों में बिल बनाकर रहते हैं.
यह फसलों को भारी क्षति पहुचाते हैं, लेकिन चूहों से न सिर्फ फसलों को बल्कि इंसानों को भी कई गंभीर बिमारियां होती हैं.
ऐसे में किसानों और फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है.
सरकार 01 अप्रैल से 30 अप्रैल तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान भी चलाने की तैयारी में है.
क्या है चूहे से फैलने वाला रोग?
चूहे से लेप्टोस्पायरोसिस और स्क्रब टाइफस रोग फैलता है.
यह “ओरिएटिया सुतसुगामुशी” नाम बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक्यूट रोग है.
ये कीट झाड़ी या नमी वाले स्थान पर पाया जाता है. ऐसे ही स्थानों पर चूहे भी रहते हैं.
इस वजह से यह चूहे में फैल जाता है. वहीं, चूहों से फिर खेत में काम कर रहे किसानों में भी ये रोग फैल जाता है.
क्या हैं रोग के लक्षण?
लेप्टोस्पायरोसिस और स्क्रब टाइफस से संक्रमित कोई कीट जब किसी को काटता है तो 6 से 21 दिनों के अंदर इसके शरीर में इसके लक्षण दिखने लगते हैं.
इस दौरान शरीर में बुखार, तेज ठंड, जी घबराना, सिर दर्द आदि जैस लक्षण दिखाई देते हैं.
ऐसे में सरकार ने इस गंभीर रोग से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है.
इस तरह करें संक्रमण से बचाव
इससे बचाव के लिए किसानों को पूरी बांहों वाले कपड़े पहनना चाहिए. वहीं खेत से घर लौटने के बाद कपड़ों को जरूर धो लें.
घास या धरती पर नहीं लेटना चाहिए. घर के आस-पास चूहे न पलने दें.
इन्हें नियमों का पालन करने से रोग की चपेट में आने से बचा जा सकता है.
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