हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

30 लाख रुपये के अनुदान पर शुरू किया मछली पालन

WhatsApp Group Join Now
Instagram Group Join Now
Telegram Group Join Now

देश में मछली का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार द्वारा मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए देश में सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चलाई जा रही है।

योजना के तहत बड़वानी जिले की राजपुर तहसील के ग्राम पंचायत ओझर निवासी तुषार वालके ने ओझर में विराह मत्स्य पालन केन्द्र नाम से मत्स्य पालन इकाई शुरू की है।

 

अब हो रही है लाखों रुपये की कमाई

इस योजना के तहत तुषार को 50 लाख रूपये की इकाई लागत पर 30 लाख रुपये अनुदान सरकार की ओर से दिया गया है।

एक साल पहले तुषार ने वर्ष 2023-24 मे स्वरोजगार के रूप में मत्स्य पालन केंद्र को स्थापित किया था।

वे शिक्षित मत्स्य कृषक है, एवं कुछ अलग करना चाहते थे, उनकी इसी चाह ने उन्हें मत्स्य पालन केन्द्र खोलने हेतु प्रोत्साहित किया।

 

एक साल में हुआ 14 लाख रुपये का मुनाफा

किसान तुषार ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके मत्स्य पालन केंद्र पर कुल 8 टैंक हैं, जिसमें प्रति टैक 3000 फिंगर साइज पंगेसियस मछली के बीज का संचयन किया जाता है।

7 माह के अवधि पूर्ण होने पर मछलियाँ उत्पादन हेतु तैयार हो जाती है। जिन्हें स्थानीय मछली व्यापारी केन्द्र पर आकर थोक में विक्रय करके ले जाते है। जिसका थोक भाव 100 से 150 रूपये प्रति किलो मिल जाता है।

जिसमें वार्षिक मत्स्य उत्पादन लगभग 24 मैट्रिक टन हो जाता है। जिससे कुल वार्षिक आय 30 लाख है और लगभग 22 लाख वार्षिक व्यय घटाने के बाद शुद्ध वार्षिक लाभ 14 लाख रुपये प्राप्त होता है। इस स्वरोजगार के द्वारा 4 अन्य लोगों को भी आय का माध्यम प्रदान किया है।

सहायक संचालक मत्स्योद्योग जिला बड़वानी एनपी रैकवार ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य मछुआरों के साथ मत्स्य पालन क्षेत्र का समग्र विकास करना है।

पीएमएमएसवाई को मछली उत्पादन, उत्पादकता और गुणवत्ता से लेकर प्रौद्योगिकी, कटाई के बाद के बुनियादी ढाँचे और विपणन तक मत्स्य पालन मूल्य श्रृखंला में महत्वपूर्ण अंतराल को दूर करने के लिए डिजाइन किया गया है।

इसके माध्यम से एक मजबूत मत्स्य प्रबंधन ढाँचा स्थापित कर मछली किसानों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण को सुनिश्चित करना है।

यह भी पढ़े : अब 90 प्रतिशत अनुदान पर गाय के साथ भैंस भी देगी सरकार