हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

परवल की उन्नत किस्म काशी परवल-141 की खेती

परवल एक क्लोन रूप से प्रचारित, बारहमासी, द्विलिंगी और देशी कद्दू वर्गीय सब्जी है। परवल के फल विटामिन, खनिज और फाइबर के अच्छे स्रोत के रूप में जाने जाते हैं साथ ही इसमें औषधीय गुण भी मिलते हैं।

परवल को अन्य कद्दू वर्गीय सब्जियों की तुलना में अत्यधिक पौष्टिक माना जाता है और पाक और मिष्ठान्न उपयोगों के लिए भारतीय व्यंजनों में एक पारंपरिक सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है।

बारहमासी होने के कारण, परवल के फल दिसंबर तथा जनवरी के दौरान कड़ाके की सर्दियों को छोड़कर लगभग पूरे साल बाजार में उपलब्ध रहते हैं।

 

परवल की खेती

परवल की किस्म काशी परवल-141 को भाकृअनुप-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में विकसित किया गया है, जिसकी विशेषता इसके धुरी के आकार के फल हैं जो बिना किसी अनुदैर्ध्य पट्टी के हल्के हरे रंग के होते हैं और 8 से 10 सेमी लंबे और 2.75 से 3.00 सेमी व्यास के होते हैं।

परवल की यह किस्म पूर्वी उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से वाराणसी और आसपास के इलाकों में बहुत आम और लोकप्रिय है।

इसकी माँग अधिक होने के चलते किसानों को इसके अच्छे भाव मिल जाते हैं।

 

काशी परवल 141 किस्म से कमाई

वाराणसी के बड़ागांव ब्लॉक के हरिपुर गाँव के किसान राजेंद्र सिंह पटेल भाकृअनुप- आईआईवीआर द्वारा उत्पादित रोपण सामग्री का उपयोग करके 2019 से काशी परवल-141 की खेती कर रहे हैं।

शुरुआत में उन्होंने नवंबर महीने में 0.25 हेक्टेयर क्षेत्र में इस किस्म को लगाया और इसके उत्पादन के लिए ड्रिप सिंचाई, प्लास्टिक मल्च का उपयोग और वर्टिकल ट्रेनिंग सिस्टम जैसे प्रथाओं के वैज्ञानिक पैकेज को अपनाया।

फलों की तुड़ाई मार्च में शुरू हुई और दिसंबर के पहले सप्ताह तक जारी रही।

किसान ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले वर्ष में उन्हें 95 क्विंटल परवल का उत्पादन प्राप्त हुआ वहीं दूसरे वर्ष 105 क्विंटल और तीसरे वर्ष 110 क्विंटल की उपज प्राप्त हुई।

जिससे उन्हें पहले वर्ष 2,30,000 रुपये एवं दूसरे वर्ष 2,70,000 रुपये और तीसरे साल 2,90,000 रुपये की कमाई की।

किसान राजेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि परवल की फसल छोटी जोत से टिकाऊ आय के लिए उपयुक्त है, क्योंकि इसकी उपलब्धता के दौरान इसकी कीमत में उतार-चढ़ाव नहीं होता है और बाजार में इसकी कीमत कभी भी 20 रुपये प्रति किलोग्राम से कम नहीं होती है।

यह भी पढ़े : पीएम किसान निधि की अगली किस्त जारी होने से पहले कर लें ये काम