उद्यानिकी – फूड प्रोसेसिंग के लिए मध्य प्रदेश में 5 हाईटेक कलस्टर बनेंगे
मप्र में उद्यानिकी मिशन का केन्द्रीय कार्यालय शुरू होगा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए आगामी 3 वर्षों में 5 अत्याधुनिक कलस्टर स्थापित किए जाएंगे। इनमें से एक कलस्टर विश्व स्तर का होगा। मध्यप्रदेश में परम्परागत फसलों की तरह ही उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा। कोल्ड चैन, वैल्यू एडिशन एवं फूड प्रोसेसिंग के माध्यम से किसानों की आमदनी दोगुना करने की पूरे प्रयास किए जाएंगे। । हम किसानों को ‘इन्कम सिक्योरिटी’ देंगे।
वेबिनार में केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि मध्यप्रदेश में उद्यानिकी मिशन का केन्द्रीय कार्यालय शीघ्र ही प्रारंभ किया जाएगा। वेबिनार में केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि जैविक कृषि में भी मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे है। प्रदेश में दो मेगा फूड पार्क (खरगौन और देवास) तथा आठ कोल्ड चैन पर कार्य चल रहा है।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 800 करोड़ रूपए के कुल 30 प्रोजेक्ट्स पर कार्य चल रहा है। इसमें 250 करोड़ का अनुदान, 24 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा तथा 01 लाख किसानों को फायदा होगा। साथ ही प्रतिवर्ष 15 हजार करोड़ रूपए की ‘एग्रो प्रोसेसिंग’ हो सकेगी। उन्होंने मध्यप्रदेश के ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना की सराहना करते हुए कहा कि इससे मध्यप्रदेश के उत्पाद विदेशों में भी लोकप्रिय होंगे।
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केन्द्र सरकार की ‘ऑपरेशन ग्रीन’ योजना में कम से कम 100 किलोमीटर की दूरी तक किसानों द्वारा फल एवं सब्जियों का परिवहन करने पर 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। किसानों द्वारा कोल्ड स्टोरेज में अपनी उपज रखे जाने पर आगामी तीन महीनों में 50 प्रतिशत की सब्सिडी भी मिलेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान से आग्रह किया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए बिजली को कृषि दर पर प्रदान किया जाए।
उत्पादन और प्रसंस्करण दोनों में मध्यप्रदेश आगे बढ़ेगा
वेबिनार को उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह ने भी संबोधित किया ।
3 वर्ष का रोडमैप बनेगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया वेबिनार के निष्कर्षों के आधार पर मध्यप्रदेश में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में आगामी 03 वर्षों में किए जाने वाले कार्यों का रोडमैप तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में वर्तमान में 21 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 308 लाख मीट्रिक टन से भी अधिक उद्यानिकी फसलें होती हैं। मध्यप्रदेश का संतरा, धनिया, अंगूर, मिर्ची, मटर, आलू देश-दुनिया में प्रसिद्ध है।
प्रथम सत्र :
उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाना (फार्म गेट मैनेजमेंट) के प्रमुख निष्कर्ष
(टीम लीडर और मॉडरेटर, श्री पुष्कर सिंह, आयुक्त, उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग)
उद्यानिकी में मशीनीकरण को बढ़ावा ।
आईपीएम तथा आईएनएम को प्रोत्साहन ।
सौर आधारित सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा ।
प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप को बढ़ाना।
एफपीओ के लिए गारंटी फंड
उद्यानिकी उत्पादों के ग्रेडिंग, सोर्टिंग की ट्रेनिंग
सेटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल,
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द्वितीय सत्र :
खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्यानिकी के प्रमुख निष्कर्ष
(टीम लीडर और मॉडरेटर, श्रीकांत बनोठ (IAS) प्रबंध निदेशक, मध्यप्रदेश स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज एवं श्री कुमार साकेत, राज्य कार्यालय प्रमुख, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, मध्यप्रदेश)
इंटीग्रेटेड एग्री – फ़ूड प्रॉसेसिंग प्रमोशन पॉलिसी की जरूरत।
‘एक जिला एक उत्पाद’ को अपनाते हुए वैल्यू चेन का विकास करना।
प्रसंस्करण व मार्केट योग्य किस्मों को बढ़ावा देना।
सूक्ष्म इकाइयों को ब्याज दर में छूट एंव बैंकों से जोड़ना ।
बागवानी उत्पादों की गुणवत्ता प्रमाणन/जैविक प्रमाणीकरण ।
भण्डारण में 25 प्रतिशत वद्धि।
फल- सब्जियों के भंडारण और परिवहन
वैल्यू एडिशन , कॉंट्रेक्ट फ़ार्मिंग को बढ़ावा।
3 वर्षों में खाद्य प्रसंस्करण में 8 से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि करना।
100 किसान स्टार्ट-अप्स व उद्यानिकी उद्यमियों को प्रोत्साहन ।
फार्म टू फोर्क – बाजार लिंकेज को प्रोत्साहित करना।
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