सागर
कृषि विज्ञान केन्द्र, सागर-2 देवरी के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. आशीष कुमार त्रिपाठी एवं श्री बी.एल.मालवीय, उपसंचालक कृषि ने देवरी व जैसीनगर क्षेत्र का भ्रमण कर ख्ररीफ फसलों हेतु निम्न समसायिक सलाह दी है।
उड़द की फसल में पीला मोजेक रोग के नियंत्रण हेतु सफेद मक्खी कीट का नियंत्रण करे इस हेतु थायोमेथाक्जाम 25 डव्ल्यू.डी.जी. (150 ग्राम) अथवा इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 150 मि.ली../हे अथवा थायोमेथाक्जाम 12.6 प्रतिशत+लेम्डासायहेलोथ्रिन 9.5 प्रतिशत 125 मि.ली./हे. की दर से छिड़काव करें।
सोयाबीन मे सेमीलूपर, तम्बाखु की इल्ली, फलीछेदक कीटों के नियंत्रण हेतु क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल 18.5 प्रतिषत /150 मि.ली./हे. अथवा थायोमेथाक्जाम 12.6 प्रतिषत $ लेम्डासायहेलोथ्रिन 9.5 प्रतिषत जेड.सी. 125 मि.ली./हे. के मान से छिड़काव करें।
उड़द की फसल में एथ्रेक्नोज रोग जिसमे पत्तियों पर हल्के भूरे से गहरे भूरे काले रंग के वृत्ताकार धब्बे बनते हैं के नियंत्रण हेतु कार्बेन्डाजिम अथवा थियोफिनेट मिथाइल की 500 ग्राम मात्रा अथवा मिश्रित फफूंदनाशी कार्बेन्डाजिम+मेन्कोजेब की 1000 ग्राम मात्रा 500 ली. पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव करें।
कद्दूवर्गीय सब्जियों गिलकी, लौकी, करेला आदि में डाडनी मिल्डयू रोग व अन्य पर्ण दाग रोगों के नियंत्रण हेतु क्लोरोथेलोनिल अथवा थियोफिनेट मिथाइल की 200 ग्राम प्रति एकड़ के मान से छिड़काव करें।
पोषक तत्वों की कमी से पीलापन होने पर प्रति सप्ताह घुलनशील उर्वरक एन.पी.के. 19:19:19 का छिड़काव करें।
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