महिला किसान हितेश चौधरी बताती हैं कि प्राकृतिक खेती से हमारे जीवन और आजीविका में सकारात्मक बदलाव आया है. आगे वो बताती हैं कि हमारा खर्च कम हो गया है क्योंकि हमें बाजार से कुछ भी नहीं खरीदना पड़ता है.
सालाना कर रहीं 15 लाख की इनकम
खेती-किसानी में अब महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और अपनी अलग पहचान बना रही हैं. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले की रहने वाली महिला किसान हितेश चौधरी प्राकृतिक खेती (Natural Farming) के जरिए सफलता की नई कहानी लिख रही हैं.
गांव चक छावी की रहने वाली हितेश भविष्य की पीढ़ियों को रोगों से बचाने के लिए प्राकृतिक रूप से तैयार कई प्रोडक्ट बनाकर एफपीओ के जरिए बेच रही हैं.
इस कारोबार से उनको एक साल में 15 लाख का मुनाफा हो रहा है. इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में हितेश चौधरी ने बताया कि साल 2002 में वो सबसे पहले पतंजलि से जुड़ी हुई थीं.
वहीं, प्राकृतिक खेती को लेकर साल 2018 में किसानों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत निशुल्क ट्रेनिंग देना शुरू किया. उन्होंने बताया कि वो प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की जैविक ट्रेनर हैं.
किसानों में आया बड़ा बदलाव, अब कर रहे जैविक खेती
रासायनिक खादों के अंधाधुंध प्रयोग से होने वाली बीमारियों के प्रति किसानों को जागरूक कर रही हैं.
अमरोहा ब्लाक क्षेत्र के गांव चक छावी की रहने वाली हितेश चौधरी ने ग्रेजुएशन के बाद डबल एमए व योग में पीजी डिप्लोमा किया है.
उन्होंने आगे बताया कि साल 2020 में ओजस्विनी महिला स्वयं सहायता समूह बनाकर गन्ने की खेती को प्राकृतिक तकनीक से करने की जानकारी किसानों को दी.
जिससे बहुत से किसान आज पूरी तरह से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. आज हर चीज में मिलावट आ रही है, जिससे शरीर बीमार बन रहा है.
कैंसर से लेकर अन्य बीमारियां जद में ले रही हैं. हितेश बताती हैं कि उनके सुझाव के बाद 200 से अधिक जिले के किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. जबकि कई किसानों को अब तक वह प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दे चुकी हैं.
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मिलेट्स के कई Natural प्रोडक्ट
उन्होंने बताया कि 16 अप्रैल 2021 में किसान प्रोडयूसर कंपनी का गठन करके एफपीओ बनाया. आज 517 किसान एफपीओ से जुड़े हैं. वहीं 200 के करीब महिला किसान भी शामिल हैं.
महिला किसान हितेश ने बताया कि आम का अचार, कटहल का अचार, करौंदा का अचार, नींबू का अचार समेत सभी प्रकार के अचार प्राकृतिक रूप से महिलाओं के द्वारा तैयार किए जाते हैं.
वहीं, मिलेट्स के कई Natural प्रोडक्टस भी शामिल है, जैसे मल्टीग्रेन आटा, हल्दी, रागी का आटा, जवार और बाजरा के आटा से नमकीन और बिस्कुट तैयार किए जाते हैं.
इन प्रोडक्ट की हम लोग ऑनलाइन और ऑफ़लाइन बिक्री करते हैं. बाकी प्रदेश के अलग-अलग राज्यों से भी डिमांड आती है.
लेमनग्रास चाय से लेकर सैनिटाइजर तक
लेमन ग्रास टी, लेमन ग्रास फिनाइल और लेमन ग्रास सैनिटाइजर भी तैयार किया जाता है.
12 महिलाओं के साथ प्रोडक्ट बनाने से लेकर पैकेजिंग और मार्केटिंग का काम हम खुद देखते हैं.
सालाना आय के सवाल पर हितेश ने बताया कि FPO का टार्न ओवर 10 लाख का है. जिसका नाम प्रखण्ड बायो एनर्जी किसान प्रोड्यूसर कंपनी लि० है.16 अप्रैल 2021 मे गठन हुआ था.
जिसकी मै MD हूं. वहीं ओजस्विनी महिला स्वयं सहायता समूह का टर्नओवर 5 लाख है.
प्रशिक्षण और एक्सपोजर विजिट से बढ़ा आत्मविश्वास
महिला किसान हितेश चौधरी बताती है कि प्राकृतिक खेती ने हमारे जीवन और आजीविका में सकारात्मक बदलाव लाया है.
आगे वो बताती है हमारा खर्च कम हो गया है क्योंकि हमें बाजार से कुछ भी नहीं खरीदना पड़ता है. हम ‘देसी’ गाय के मूत्र और गोबर का उपयोग करके खेत में ही सभी इनपुट बनाते हैं.
वहीं गाय के गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद भी हम लोग तैयार कर रहे है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्रशिक्षण और एक्सपोजर विजिट हमें बहुत ज्ञान और आत्मविश्वास भी दिया है.
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