बलराम ताल योजना का उद्देश्य भुमिगत जल की उपलब्धता को समृद्ध करना है । ये तालाब किसानो द्वारा स्वयं के खेतो पर बनाये जाते है, इनसे फसलो में जीवन रक्षक सिचाई तो की ही जा सकती है किन्तु भू जल संवर्धन तथा समीप के कुओं और नलकूपों को चार्ज करने के लिये भी ये अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुए है।
योजना सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में संचालित है जिसमे सभी वर्ग के पात्र किसानो को ताल निर्माण के लिए अनुदान दिया जाता है।
योजना का लाभ चयनित कृषक केवल एक बार ही ले सकता है।
इच्छुक कृषको द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को ताल बनाने हेतु दिये गये आवेदन के आधार पर उनका पंजीयन किया जाता है.
ताल की तकनीकी स्वीकृति जिले के उप संचालक कृषि तथा प्रशासनिक स्वीकृति जिला पंचायत द्वारा प्रदाय की जाती है।
अनुदान हेतु ताल निर्माण होने पर “प्रथम आये – प्रथम पाये” के आधार पर वरीयता दी जाती है।
बलराम ताल के निर्माण कार्य की प्रगति एवं मूल्यांकन के आधार पर पात्रता अनुसार निम्न अनुदान देने के प्रावधान है ।
बलराम ताल योजना में कितना अनुदान मिलता है ?
सामान्य वर्ग के कृषको को लगत का 40 प्रतिशत अधिकतम रु. 80000/-
लघु सीमान्त कृषको के लिये लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम रु. 80000/-
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को लागत का 75 प्रतिशत, अधिकतम रु. 1,00,000/-
बलराम ताल योजना के मुख्य बिंदु
1 | विभाग | किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग |
2 | लाभार्थी | किसान |
3 | लाभ | खेत में वर्षा जल के संरक्षण द्वारा स्थायी आधार पर कृषि गतिविधियों का समर्थन करें। |
4 | योजना प्रारंभ | 25 मई 2007 |
योजना का नारा
खेत का मिट्टी, खेत का जल
खेत से बाहर न जाए निकल
मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2007 में “बलराम ताल” योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में वर्षा जल के संरक्षण द्वारा स्थायी आधार पर कृषि गतिविधियों का समर्थन करना था। योजना के तहत लाभार्थी सामान्य किसान, छोटे और सीमांत किसान, एससी / एसटी किसान हैं।
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