वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना बजट पेश कर दिया है। बजट में सरकार ने कृषि सेक्टर के लिए कई घोषणाएँ की हैं।
उन्होंने अपने बजट में कृषि क्षेत्र का बजट बढ़ा दिया है, सरकार इस वर्ष अपने बजट में कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।
इससे पहले अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए 1.47 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।
बजट : 2024
बजट में सरकार ने जलवायु परिवर्तन को देखते हुए अधिक उत्पादकता देने वाली नई किस्मों के विकास पर ज़ोर दिया है।
इसके अलावा दलहन, तिलहन, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएँ शुरू करने की भी घोषणा वित्त मंत्री ने अपने बजट में की।
इसके साथ ही सरकार देश में झींगा उत्पादन और निर्यात पर भी जोर देगी। बजट में किसानों के लिए की गई घोषणाएँ इस प्रकार है:-
जलवायु अनुकूल नई किस्में की जाएंगी जारी
वित्त मंत्री ने अपने बजट में उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु के अनुकूल किस्मों के विकास पर ज़ोर देने के लिए कृषि अनुसंधान की व्यवस्था की जायेगी।
इसे चुनौती के रूप में वित्तपोषित किया जाएगा, जिसमें निजी क्षेत्र भी शामिल होगा।
सरकार और सरकार से बाहर दोनों क्षेत्रों के विशेषज्ञ ऐसे अनुसंधान का पर्यवेक्षण करेंगे।
किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी।
1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए दी जाएगी सहायता
सरकार ने अपने बजट में अगले 2 वर्षों के दौरान पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता देगी। जिसमें प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी।
इसका कार्यान्वयन वैज्ञानिक संस्थाओं और इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा। 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
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दलहन और तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए किए जाएंगे काम
देश को दलहनों और तिलहनों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए इन फसलों के उत्पादन, भंडारण और विपणन को सुदृढ़ बनाया जाएगा।
इसके लिए सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों के लिए आत्मनिर्भरता प्राप्त करने हेतु एक कार्यनीति बनाई जा रही है।
सब्जी उत्पादन के लिए क्लस्टर विकसित किए जाएंगे
प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।
हम उपज के संग्रहण, भंडारण और विपणन सहित सब्जी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए किसान-उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देंगे।
कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंचना
सरकार 3 वर्षों में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने के उद्देश्य से राज्यों के साथ मिलकर कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने में सहायता करेगी।
इस वर्ष, डीपीआई का उपयोग करते हुए 400 जिलों में खरीफ का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा।
6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्यौरे को किसान और जमीन की रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा।
इसके अलावा, 5 राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी कराए जाएंगे।
झींगा उत्पादन और निर्यात को दिया जाएगा बढ़ावा
झींगा ब्रूड-स्टॉक्स के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
झींगा खेती, प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
राष्ट्रीय सहकारिता नीति की जाएगी शुरू
सरकार सहकारी क्षेत्र के प्रणालीगत, व्यवस्थित और चहुँमुखी विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति लाएगी।
इस नीति का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाना और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन करना होगा।
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