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केन्द्रीय बजट में कृषि से जुड़ी मुख्य बातें

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केन्द्रीय बजट में कृषि से संबंधित मुख्य बातें

कृषि ऋण (Agriculture Loans)

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  • 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये।
  • पीएम-किसान लाभार्थियों को केसीसी योजना के तहत लाया जाएगा।
  • नाबार्ड की पुनर्वित्त योजना को और विस्तार दिया जाएगा।
  • जल संकट से जूझ रहे 100 जिलों के लिए वृहद उपायों का प्रस्ताव

 

नीली अर्थव्यवस्था

नीली-अर्थव्यवस्था

  • 2024-25 तक मत्स्य निर्यात को एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना।
  • 2022-23 तक देश में 200 लाख टन मत्स्य उत्पाद का लक्ष्य।
  • 3,477 मित्रों और 500 मत्स्य कृषक संगठनों द्वारा युवाओं को मत्स्य क्षेत्र से जोडऩा।
  • भारतीय रेल किसान रेल सेवा शुरू करेगी।
  • दूध, मांस और मछली आदि जैसे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज बनेंगे।
  • कृषि उड़ान योजना शुरू होगी।

 

बागवानी

बागबानी

  • विपणन और निर्यात को बेहतर बनाने ‘एक उत्पाद, एक जिला की नीति बनेगी.
  • सभी तरह के पारम्परिक जैविक और नवोन्मेषी उवर्रकों का संतुलित इस्तेमाल।
  • जैविक, प्राकृतिक और एकीकृत खेती को बढ़ावा।
  • गैर फसल मौसम में बहुस्तरीय फसल, मधुमक्खी पालन, सौर-पंपों तथा सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।

 

पीएम-कुसुम का विस्तार

Pm-kusum-yojana

  • योजना के तहत 20 लाख किसानों को सौर ऊर्जा पंप लगाने में मदद।
  • अतिरिक्त 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े पंप सैटों को सौर ऊर्जा चलित बनाने में मदद।
  • किसानों को अपनी पड़त या खाली जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में मदद की योजना।

 

ग्राम भंडारण योजनाग्राम भंडारण योजना

 

  • किसानों के लिए स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित भंडारण व्यवस्था, ताकि उत्पादों पर लॉजिस्टिक लागत कम हो सके।
  • महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को फिर से धन्य लक्ष्मी का स्थान पाने में मदद।
  • नाबार्ड द्वारा कृषि भंडारों, कोल्ड स्टोरों तथा प्रशीतन वैन सुविधाओं का नक्शा बनाना और उनका जीओ टैगिंग करना
  • विकासखंडों और तालुक स्तर पर सक्षम भंडार गृह बनाने के लिए पूंजी की कमी की भरपाई करना।
  • भारतीय खाद्य निगम और केन्द्रीय भंडारण निगम भी अपनी जमीन पर ऐसे भंडार गृह बनाएंगे।
  • नेगोशिएबल वेयरहाऊसिंग रिसीट पर किया जाने वाला वित्त पोषण ई-नाम के साथ एकीकृत किया जाएगा।

 

पशुधन

पशुधन

  • दूध प्रसंस्करण क्षमता को वर्ष 2025 तक 53.5 मिलियन एमटी से दोगुना कर 108 मिलियन एमटी के स्तर पर पहुंचाया जाएगा।
  • कृत्रिम गर्भाधान की कवरेज को मौजूदा 30 से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जाएगा।
  • चारागाह को विकसित करने के लिए मनरेगा का संयोजन किया जाएगा।
source:krishakjagat.org

 

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