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केंद्र सरकार अब लॉन्च करेगी नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो जिंक ऑक्साइड

देश के किसानों को अब तक की सबसे बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। Nano fertilizers launch

दरअसल, नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के बाद अब केंद्र सरकार देश में नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो जिंक ऑक्साइड लॉन्च करने की तैयारी में है।

कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो रॉक जिंक आक्साइड आने के बाद भारत में बागवानी की फसलें और जड़ वाली सब्जियां जैसे आलू, हल्दी, अदरक, प्याज, लहसुन और अमरूद जैसे फसलों में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिलेगा।

 

क्या है नैनो जिंक ऑक्साइड व नैनो रॉक फॉस्फेट

नैनो रॉक फॉस्फेट के आने से भारत के किसानों को मिलेगा एक नया उर्वरक, जो कि मिट्टी में फास्फोरस की कमी को दूर करेगा। इसके साथ ही, नैनो टेक्नोलॉजी उपयोग करने से फसलों की उत्पादन दक्षता में भी बड़ा सुधार होगा।

वही नैनो जिंक ऑक्साइड की बात करें तो यह भी एक महत्वपूर्ण उर्वरक है, जो फसलों को और भी सुरक्षित बनाए रखने में मदद करता है। इससे फसलों की विकास दर में वृद्धि होगी और किसानों को अधिक मुनाफा मिलेगा।

 

खेती किसानी में इस तरह उपयोगी है नैनो उर्वरक

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया के मुताबिक देश में बहुत जल्द ही नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो जिंक ऑक्साइड किसानों के लिए उपलब्ध हो जाएगा।

नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो जिंक ऑक्साइड भारत में आने के बाद अमेरिका की तरह भारत में भी बड़े-बड़े साइज के प्याज मिलने लगेंगे।

अभी तक किसान कितना भी बीज बदल ले, प्याज का साइज नहीं बढ़ पाता है।

लेकिन, नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो जिंक ऑक्साइड खेतों में देने के बाद जड़ वाली सब्जियां और बड़े-बड़े साइज में मिलने लगेंगे।

इससे किसानों को बाजार में फसलों के अच्छे भाव मिलने भी शुरू हो जाएंगे।

 

किसानों को मिलेगा यह बड़ा फायदा

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, एक नैनो का बोतल 20 ग्राम के बराबर होता है। फसलों की क्वालिटी सुधारने के लिए इन दोनों की बहुत ज्यादा मात्रा में आवश्यकता है। इससे हम क्वालिटी फूड उत्पादन कर सकेंगे।

साथ ही किसानों तक पहुंचाने में भी कम उर्जा की खपत होगी। यह किसानों तक 500 एमएल की बोतल में पहुंचता हे, जबकि इसका बैग 45-50 किलो का होता है।

नैनो रॉक फॉस्फेट प्रयोग अभी किसान ज्यादा नहीं करते हैं। अभी किसानों के दिमाग में यह है कि यूरिया-डीएपी से ही फसल अच्छा होता है। जबकि, नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम भी खेतों के लिए उतना ही जरूरी है।

नैनो जिंक ऑक्साइड का प्रयोग फल को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है। उदाहरण के तौर पर आम के छोटे में ही गिर जाते हैं। यह जिंक की कमी से होता है।

आंवला और अमरूद जैसे फसल भी मेच्योर होने से पहले ही गिर जाते हैं। यह जिंक की कमी से होता है।

नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो जिंक ऑक्साइड के प्रयोग शुरू होने के बाद आम, अमरूद, हल्दी, जड़ वाली सब्जियों के फसल अब अच्छे से पकेंगे।

इससे किसानों के उत्पादन में फायदा होगा। साथ ही प्राइवेट कंपनियों के तुलना में किसानों को 40 गुना सस्ती दरों पर भी मिलेंगे।

 

भविष्य में होगा किसानों के लिए सुधार

नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो जिंक ऑक्साइड के प्रयोग से किसानों को मिलेगा अमेरिका की तरह बड़े साइज के प्याज और अन्य फलों की खेती करने का अवसर मिलेगा।

इससे उनकी आय में होगी वृद्धि और वे बाजार में अच्छे भाव में अपनी फसलें बेच सकेंगे।

नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो जिंक ऑक्साइड के आने से होगा भारतीय किसानों के लिए एक नया दौर, जिससे उनकी खेती में होगा बड़ा परिवर्तन।

यह उर्वरकें न केवल उत्पादन में मदद करेंगी, बल्कि इससे खेती का तंतु भी मजबूत होगा।