अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से मिल रही नमी
इंदौर, उज्जैन, रीवा, सागर, शहडोल, भोपाल, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है।
एक अवदाब का क्षेत्र सौराष्ट्र और उससे लगे अरब सागर पर बना हुआ है।
एक अन्य गहरा कम दबाव का क्षेत्र झारखंड के पश्चिमी क्षेत्र पर मौजूद हैं।
इन दोनों सिस्टम के बीच से होकर एक ट्रफ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में सक्रिय है।
कहीं-कहीं बारिश हो सकती है
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इन तीन वेदर सिस्टम के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से लगातार नमी आ रही है।
जिसके चलते गुरुवार-शुक्रवार को इंदौर, उज्जैन, रीवा, सागर, शहडोल, भोपाल, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक उमरिया में 3.6, नौगांव में 1.8, धार में 1.4, खजुराहो में 0.6 मिलीमीटर बारिश हुई।
बारिश की संभावना बनी हुई है
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अरब सागर के पास बने सिस्टम से इंदौर, उज्जैन संभागों के जिलों में बारिश की संभावना बनी हुई है।
इसी तरह झारखंड के पास बने गहरे कम दबाव के क्षेत्र से पूर्वी मप्र के रीवा, शहडोल संभागों के जिलों में बारिश होने के आसार हैं।
अलग-अलग स्थानों पर बने तीन वेदर सिस्टम के कारण वर्तमान में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आने का सिलसिला बना हुआ है।
जिसके चलते प्रदेश के अधिकांश जिलों में बौछारें पड़ने की संभावना बनी हुई है।
मानसून की विदाई शुरू होने की भी संभावना
हालांकि अरब सागर में बना सिस्टम चक्रवाती तूफान में बदलने के बाद पाकिस्तान की तरफ बढ़ जाएगा।
इससे गुजरात से लगे मप्र के जिलों में बारिश की गतिविधियां थमने लगेंगी।
शुक्ला के मुताबिक अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में मानसून की विदाई शुरू होने की भी संभावना बन रही है।
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