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लाल भिंडी की करें खेती, एक एकड़ में होगी 20 क्विंटल तक पैदावार

लाल भिंडी की खेती

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करनाल के एमएचयू ने इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ वेजिटेबल संस्थान वाराणसी के सहयोग से भिंडी और लोबिया के मिश्रण से लाल रंग की भिंडी के हाईब्रिड किस्म को विकसित किया गया है.

वैज्ञानिकों के मुताबिक इस हाइब्रिड किस्म की भिंडी को खेतों में लगाने पर 20 क्विंटल तक की उपज मिल सकती है.

करनाल के एमएचयू ने इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ वेजिटेबल संस्थान वाराणसी के सहयोग से भिंडी और लोबिया के मिश्रण से लाल रंग की भिंडी के हाईब्रिड किस्म को विकसित किया गया है.

यह खाने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक है.

करनाल के महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर एसके यादव ने बताया कि ये भिंडी शरीर को एनर्जी देने के साथ.साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाएगी.

एमएचयू ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वेजिटेबल रिसर्ट वाराणसी के सहयोग से तैयार की गई इस नए किस्म के भिंडी की खेती से जुड़ी हर तरह की जानकारी किसानों को दी.

 

20 क्विंटल प्रति एकड़ है उपज

डा. एसके यादव ने बताया कि संस्थान ने काशी ललीना नामक लाल रंग की भिंडी की किस्म डेवलप की है.

इसकी उपज 20 कुंतल प्रति एकड़ तक है. इसकी लंबाई भी 7 इंच तक होती है.

 डा. एसके यादव के अनुसार लाल रंग होने के कारण भिंडी में  एंथोसाइन नामक तत्व पाया जाता है.

यह हमारी शरीर को एनर्जी देने से लेकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है.

 इसमें फाइबर और आयरन की मात्रा भी अधिक होती है.

 

कई राज्यों में इस तरह की लाल भिंडी की खेती

बता दें कि देश के कई राज्यों में इस तरह की भिंडी की खेती की शुरुआत हो चुकी है.

इसकी भी बुवाई हरी भिंडी की ही तरह होती है. इसके लिए अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी रहती है.

इसका पीएच मान  6.5 – 7.5 तक होना जरूरी है. इसे ऐसी जगह लगाएं जहां धूप की सही तरीके से पहुंचती हो.

 

सामान्य भिंडी के मुकाबले बिकती है महंगी

लाल भिंडी को लगाने में ज्यादा लागत नहीं आती है. बाजार में इसकी बिक्री हरी भिंडी से ज्यादा कीमत पर होती है.

मंडियों में लाल भिंडी तकरीबन 500 रुपये किलो तक बिकती है.

इस हिसाब से किसान 1 एकड़ में  लाल भिंडी की खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.

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