इस दिन से शुरू होगी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
प्रदेश के किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 1 फरवरी से शुरू होगी।
इससे संबंधित नियम भी तय किए गए हैं, जो किसानों के लिए जानना बेहद आवश्यक है।
प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खबर है। दरअसल जल्द समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होगी।
इसके लिए नियम भी तय कर दिए गए हैं। वही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
सेंटर और तारीख के चुनाव की जिम्मेदारी स्वयं किसानों को दी गई है।
किसान अपनी सुविधा के अनुसार सेंटर और तारीख का चयन कर सकेंगे।
गेहूं खरीदी रजिस्ट्रेशन 1 फरवरी से शुरू
मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन 1 फरवरी से शुरू होगी।
25 फरवरी तक किसान रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
पंजीयन के लिए किसान अपनी सुविधा के अनुसार तिथि और सेंट्रल का चुनाव कर सकेंगे।
इसके लिए रजिस्ट्रेशन के शुल्क भी तय किए गए हैं।
50 रुपए के फीस के साथ किसान गेहूं खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
इसके साथ ही ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, तहसील, सहकारी समिति और विभिन्न संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केंद्र और एमपी किसान एप पर किसान निशुल्क तरीके से रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।
एमपी ऑनलाइन किओस्क कॉमन सर्विस सेंटर लोक सेवा केंद्र और प्राइवेट साइबर कैफे पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए किसानों को प्रति पंजीयन ₹50 शुल्क चुकाना अनिवार्य होगा।
नियम तय
- प्रदेश के 10 संभाग सहित सभी जिलों के 3480 सेंटर पर किसान रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। जिलेवार सेंटर की सूची भी जारी की गई है।
- किसान की भूमि यदि 1 जिले के अन्य गांव में है तो पंजीयन के समय किसानों को दूसरे गांव की फसल के रकवे अपने पंजीयन में जोड़ने होंगे।
- इसके अलावा यदि किसानों की भूमि अन्य जिले में है तो किसानों को अपनी समग्र सदस्य आईडी और आधार का उपयोग करते हुए अन्य जिले से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
कुछ दस्तावेज साथ रखना अनिवार्य
- वहीं किसानों को पंजीयन करते समय कुछ दस्तावेज साथ रखना अनिवार्य होगा।
- जिसने जमीन की किताब के अलावा आधार कार्ड और बैंक अकाउंट का पासबुक साथ होना अनिवार्य है।
- इसके अलावा बैंक अकाउंट का आधार कार्ड से लिंक होना अनिवार्य है।
- स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा गया कि यह दिखाता आधार कार्ड से लिंक नहीं है तो भुगतान में देरी हो सकती है या भुगतान की राशि अटक सकती है।
- भू अभिलेख सहित आधार कार्ड खातिर खसरे में दर्ज नाम पर ही किसान का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा।
- किसी भी त्रुटि में किसानों को संबंधित अधिकारी से जाकर तत्काल इसे सही कराना अनिवार्य होगा।
राशि का भुगतान
गेहूं बेचने के बाद किसानों को उनकी राशि का भुगतान उनके द्वारा पंजीयन के दौरान दिए गए खाते में होगा।
इसके लिए बैंक खाते का आधार से लिंक रहना आवश्यक है।
महत्वपूर्ण निर्देश
- इसके साथ ही किसानों को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि उनके द्वारा रजिस्ट्रेशन में दर्ज कराया गया नाम आधार से अलग ना हो। ऐसी स्थिति में किसान को आधार केंद्र नियर पोस्ट ऑफिस में जाकर अपने आधार के नाम में संशोधन कराना अनिवार्य होगा।
- वहीं यदि किसान का नाम भू अभिलेख से अलग है तो किसान को राजस्व अधिकारी से संपर्क कर भू अभिलेख में नाम संशोधित कराना अनिवार्य होगा।
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