गांवों में गाय-भैंस के गोबर का इस्तेमाल अधिकतर पशुपालक उपले बनाने के लिए करते नजर आते हैं या तो फिर उसे बेकार समझ कर फेंक देते हैं।
हालांकि, आज के दौर में गोबर का उपयोग उपले बनाने से लेकर खेतों के लिए खाद बनाने के तौर पर किया जा रहा है।
होगी जबरदस्त कमाई
अगर आप खुद का बिजनेस करना चाहते है तो, गाय- भैंस का गोबर भी देगा बंपर मुनाफा तो आइये जानते हैं इसके बारे में…
वर्तमान में सरकार भी किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
इसकी खेती में खाद के तौर पर गोबर का इस्तेमाल बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है, इसके उपयोग से किसान जीवामृत से लेकर केंचुआ खाद बना कर उसका उपयोग कर अपने फसलों का उत्पादन बढ़ा सकते हैं।
केंचुआ खाद का उपयोग
केंचुआ खाद मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा व जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि करता हैं तथा भूमि में जैविक क्रियाओं को निरंतरता प्रदान करता हैं।
केंचुआ खाद का उपयोग भूमि का उपयुक्त तापक्रम बनाने में सहायक होता है।
इसके उपयोग से भूमि में खरपतवार कम उगते हैं तथा पौधों में रोग कम लगते हैं।
यह भी पढ़े : नमो ड्रोन दीदी योजना : 15 दिन की ट्रेनिंग के साथ मिलेंगे 15 हजार रुपये
जीवामृत का प्रयोग कैसे करें
जीवामृत का प्रयोग सिंचाई के पानी के साथ, सीधा भूमि की सतह पर दो पौधों के बीच एवं खङी फसल पर छिङकाव करके किया जाता हैं।
महीने मे एक या दो बार उपलब्धता के अनुसार 200 लीटर प्रति एकङ के हिसाब से सिंचाई के पानी के साथ किया जा सकता हैं।
बायोगैस प्लांट बनाने का बिजनेस
बायोगैस का उत्पादन एक जैव-रासायनिक प्रक्रिया द्वारा होता है, जिसके तहत कुछ विशेष प्रकार के बैक्टीरिया जैविक कचरे को उपयोगी बायोगैस में बदला जाता है। इस गैस का मुख्य घटक मिथेन गैस है।
बायोगैस को बनाने के लिए जैविक कचरे का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए इसे जैविक गैस या बायोगैस कहा जाता है।
गोबर से बनी बायोगैस प्लांट लगवाकर अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
प्लांट लगाने के लिए सरकार से भी आर्थिक मदद प्राप्त कर सकते हैं।
प्लांट लगाने के क्या लाभ होते हैं ?
बायोगैस प्लांट लगाने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।
इनमें से कुछ लाभ इस प्रकार से हैं –
- बायोगैस बनाने के लिए गाय, भैंस के गोबर का इस्तेमाल किया जाता है। इससे गोबर को खुले में डालने की समस्या का समाधान होगा और मच्छर, मक्खी भी नहीं पनपेंगे।
- बायोगैस से बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। इससे बिजली उपकरण चलाए जा सकते हैं।
- बायोगैस का प्लांट लगाकर डेयरी और गौशालाएं खाद, बिजली और कुकिंग गैस का उत्पादन करके अपनी आमदनी बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा आसपास के गांवों को भी बायोगैस का लाभ दे सकती हैं।
- बायोगैस प्लांट लगाने से प्रदूषण की समस्या को कम किया जा सकता है।
- बायोगैस उत्पादन के बाद इससे प्राकृतिक खाद मिलती है। इसका उपयोग किसान खेतों में कर सकते हैं। इसके प्रयोग से बेहतर फसल उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
- बायोगैस से धुआं रहित गैस निकलती है जिसका उपयोग एलपीजी गैस की तरह खाना पकाने में किया जा सकता है।
यह भी पढ़े : सरकार पशुपालन के लिए दे रही है 10 लाख रुपये का लोन