किसानों को राहत
केंद्रीय सब्सिडी योजनाओं में बरबादी पर सरकार ने अपनाया कड़ा रुख
सिंचाई की लागत बढ़ने, महंगे मजदूर और कीटनाशक खाद बीज की कीमतें बढ़ने से कृषि की लागत बढ़ी है।
इस वजह से आगामी खरीफ सीजन में उगने वाले धान, मूंगफली और कपास जैसी फसलों के लिए केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भारी बढ़ोतरी कर सकती है, ताकि किसानों को राहत मिल सके।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में एक फीसदी से 7 फीसदी तक की बढ़ोतरी की थी।
10% से अधिक बढ़ोतरी होने की उम्मीद
सूत्रों को मुताबिक, इस खरीफ सीजन के लिए एमएसपी में 10% से अधिक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
हालांकि एमएसपी में बढ़ोतरी करने से खाद्य महंगाई और बढ़ जाएगी, जिससे केंद्र सरकार के साथ रिज़र्व बैंक के लिए भी परेशानी खड़ी होगी।
सूत्रों ने बताया कि केंद्र किसानों के हित व उपभोक्ताओं पर महंगाई की अधिक मार नहीं पड़े, इसके लिए बीच का रास्ता निकालने में जुटी है।
बढ़ेगा सब्सिडी का बोझ
केंद्र सरकार ने आम बजट में फूड सब्सिडी के लिए 2.06 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की थी जो वास्तव में 2.86 लाख करोड़ रुपए रह सकता है।
इसी तरह सरकार का फर्टिलाइजर सब्सिडी बिल भी एक लाख करोड़ रुपए बढ़कर 2.05 लाख करोड़ रुपए रह सकता है।
सरकार का रुख सख्त
वित्त मंत्रालय ने सब्सिडी और कल्याणकारी योजनाएं लागू करने वाले मंत्रालयों व विभागों से फिजूलखर्ची में तेजी से कटौती करने को कहा है।
खाद्य सब्सिडी के मोर्चे पर भारतीय खाद्य निगम और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग से कहा गया है कि मूल्य श्रृंखला में अकुशलता को दूर किया जाए।
विभागों से कहा गया है कि अगर भंडारण, लॉजिस्टिक्स, दुलाई और विलंब शुल्क में कोई फिजूलखर्ची हो रही है तो उसे खत्म करें।
01लाख करोड़ बढ़कर 2.05 लाख करोड़ रुपए रह सकती है फर्टिलाइजर सब्सिडी
लाभार्थियों पर सख्ती
मनरेगा और पीएम किसान को लेकर संबंधित मंत्रालयों से कहा गया है कि दिखावटी लाभार्थियों व फर्जी खातों आदि को चिह्नित करने के काम में तेजी लाई जाए।
source : patrika
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