जून महीने से खरीफ की फसलों की बुवाई का समय शुरू है.
इन फसलों की बुवाई जुलाई – अगस्त तक चलती है. इस समय बुवाई पर ये फसलें अच्छी पैदावार के अलावा, अधिक मुनाफा भी देती हैं.
इस मौसम में खीरा, बैंगन, भिण्डी, टमाटर, कद्दू, लौकी जैसी सब्ज़ियों की बुवाई करनी चाहिए.
ऐसे में आइए एक नजर डालते हैं इस गर्मी में सब्जियों की खेती कैसे करें-
टमाटर की खेती
आजकल टमाटर की खेती पॉलीहाउस में पूरे साल की जाती है. इसके पौधे ज्यादा बड़े नहीं होती है, वहीं इसके फल तने में आते हैं.
टमाटर की पौध को ज्यादा तापमान की जरूरत होती है. इसकी खेती को साल के किसी भी महीने में शुरू किया जा सकता है.
वहीं टमाटर की बुवाई करते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पौधों के बीच की दूरी 45-60 सेमी हो और पंक्तियों के बीच की दूरी 60-75 सेमी होना हो.
इसके अलावा, टमाटर की खेती के लिए बीज की जरूरत लगभग 18 ग्राम प्रति 25 वर्ग मीटर होती है. वहीं इसमें फल 80-100 दिन के बीच आने शुरू हो जाते हैं.
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बैगन की खेती
जून – जुलाई में आप बैंगन की भी खेती शुरू कर सकते हैं. यह एक गर्म मौसम की फसल है, जो ठंढ के लिए अतिसंवेदनशील है.
बाज़ारों में विभिन्न आकार, रंग और आकार के साथ इसकी कई किस्में हैं. ऐसा कहा जाता है कि गर्मियों में बैगन का सेवन करने से बच्चों को खसरा रोग नहीं होता है.
बैगन की बुआई करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए की पौधों के बीच दूरी 30-45 सेमी और पंक्तियों के बीच 60 सेमी होनी चाहिए.
बीज की आवश्यकता – बैगन की खेती के लिए बीज की आवश्यकता 25 ग्राम बीज प्रति 10 वर्ग मीटर होती है.
तुड़ाई – इसकी तुड़ाई 3-4 महीने में शुरू हो जाती है.
मिर्च की खेती
मसाले के रूप में मिर्च भारत में बहुत लोकप्रिय है. मिर्च की सबसे तीखी किस्में गर्मी के मौसम में उगाई जाती हैं.
गैर-तीखी किस्में नाजुक और बीमारियों के लिए अतिसंवेदनशील होती हैं. इसके अलावा, मिर्च की बुवाई करते समय पौध के बीच की दूरी 30-45 सेमी होनी चाहिए.
बीज की आवश्यकता – इसकी बुआई के लिए बीज की आवश्यकता 1 ग्राम प्रति 10 वर्ग मीटर होती है.
तुड़ाई – इसकी तुड़ाई 2 – 2.5 महीने के बीच होती है.
कद्दू की खेती
कद्दू ककुरबिट सब्जी है जोकि गर्मियों के दौरान बहुत अच्छी तरह से विकसित होती हैं. एक कद्दू का आकार 5 किलो से 40 किलो तक हो सकता है.
फल के आकार बड़ा होने के कारण इसकी खेती भूमि पर की जाती है.
दूरी – कद्दू के बीज की सीधी बिजाई 2 x 2 फीट और 6 फीट की दूरी के गड्ढों में होती है और प्रति गड्ढे में 3 बीज बोए जाते हैं.
बीज की आवश्यकता – इसकी बुआई के लिए ,बीज की आवश्यकता 8 ग्राम प्रति 10 वर्ग मीटर होती है.
कटाई – कद्दू फल तुडाई के लिए 3-4 महीने के बाद तैयार हो जाते हैं.
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खीरा की खेती
गर्मियों के मौसम में खीरा की खेती पूरे भारत में किया जा सकता है.
खीरे को आम तौर पर सुविधाजनक स्थानों पर गोल गड्ढों में बोया जाता है, ताकि उन्हें घर की छतों, पेर्गोलस या बोवर्स पर निशान लगाया जा सके. इसका बीज सीधे बोया जाता है.
दूरी – खीरे की बुवाई करते समय पौधों और पंक्तियों के बीच दूरी 3 x 3 फीट होनी चाहिए.
बीज की आवश्यकता – इसकी बुआई के लिए बीज की आवश्यकता 5 ग्राम प्रति 10 वर्ग मीटर होती है.
कटाई – इसका पौधा 2-3 महीने के बाद लगभग 4-5 सप्ताह तक फल देना शुरू कर देता है.
लौकी की खेती
लौकी की खेती सभी तरह की मिट्टी में हो जाती है, लेकिन दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी होती है.
दूरी – लौकी के बीजों के लिए 2.5 से 3.5 मीटर दूरी पर 50 से.मी.चौड़ी और 20-25 से.मी. गहरी नाली होनी चाहिए. गड्ढों में सीधी बिजाई 60-75 मी. की दूरी पर होती है.
बीज की आवश्यकता – इसकी बुआई के लिए बीज की आवश्यकता 10 वर्ग मीटर के लिए 5 ग्राम की पड़ती है.
तुड़ाई – लौकी 2 महीने के बाद लगभग 6 से 8 सप्ताह तक तैयार हो जाता है.
भिन्डी की खेती
भिंडी की खेती मार्च से जुलाई तक की जा सकती है. भिंडी की बुआई करते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पौधों के बीच की दूरी 2 से 3 फीट होनी चाहिए.
बीज की आवश्यकता : इसकी बुआई के लिए 15 ग्रम बीज की आवश्यकता 10 वर्ग मीटर में होती है
तुड़ाई : 60-75 दिन बाद होती है.
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