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कटहल की खेती कर कमाएं लाखों का मुनाफा

कम समय में होगा दोहरा लाभ

 

कटहल की खेती से अच्छा मुनाफा पाने के लिए किसान भाई इस लेख में दी गयी उन्नत तकनीक को अपनाकर कटहल की खेती से अच्छा मुनाफा पा सकते हैं.

कटहल की खेती के लिए क्या कुछ है जरुरी इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गयी है.

 

कटहल की खेती लगभग पुरे देश में की जाती है लेकिन कटहल की खेती के लिए असम राज्य बहुत सर्वोत्तम माना जाता है.

यहाँ की जलवायु और मिट्टी कटहल की खेती के लिए बहुत उपयुक्त मानी जाती है.

इसलिए असम राज्य में कटहल की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.

 

कटहल की खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी खेती के लिए ज्यादा निगरानी की जरूरत नहीं पड़ती है.

कटहल का उपयोग आमतौर पर लोग सब्जी, अचार इत्यादि बनाने के लिए करते हैं.

कटहल को दुनिया का सबसे बड़ा और चुनिन्दा फलों में गिना जाता है.

कटहल में आइसोफ्लेवोंस और सैपोनिन जैसे फाइटोन्यूट्रिएंट्स जैसे पोषक तत्व पाया जाता है जो हम सभी की सेहत के लिए बहुत लाभदायक है.

कटहल के इन पोषक तत्व के सेवन से शरीर में कैंसर जैसी कई बीमारियों के खतरे से बचे रहने की सम्भावना बनी रहती है.

कटहल के सेवन से होने वाले लाभों को देखते हुए कटहल की खेती किसानों के लिए काफी मुनाफेदार मानी जाती है.

तो आइये जानते हैं कटहल की खेती का उन्नत तरीका और सही विधि.

 

कटहल की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

कटहल की खेती के लिए शुष्क एवं शीतोष्ण प्रकार की जलवायु उपयुक्त मानी जाती है.

इसके अलावा कटहल की खेती के लिए पहाड़ों और पठवानी जगह भी काफी उपयुक्त है.

 

कटहल की खेती के लिए उयुक्त मिट्टी

ऊपर लेख में जैसा हमने बताया कि इसकी खेती के लिए ज्यादा निगरानी की जरूरत नहीं पड़ती है इसलिए कटहल की खेती के लिए हर प्रकार की मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है.

 

कटहल की खेती के लिए पौधा रोपण

  • अब बात आती है कटहल की खेती के लिए सही पौध रोपण प्रक्रिया की. इसके लिए सबसे पहले कटहल के पके हुए फल से उसके बीजों को निकाल कर उसकी पौध को तैयार कर लें.
  • इसके बाद खेत की अच्छी जुताई कर खेत को समतल कर लें.
  • समतल भूमि पर करीब 10 से 12 मीटर की दुरी से 1 – 1 मीटर की गेहराई के गड्डे तैयार कर लें.
  • इन सभी गड्डों में करीब 20 – 25 किलोग्राम गोबर खाद, कम्पोस्ट खाद, 250 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट, 500 म्युरियेट आफ पोटाश, 1 किलोग्राम नीम की खल्ली तथा 10 ग्राम थाइमेट को मिट्टी में अच्छे से मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें.
  • इसके बाद गड्डों में पौधे को लगाते वक़्त इस तैयार मिश्रण को गड्ढे में डाल दें.
  • आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कटहल के पौधे की रोपाई के लिए उपयुक्त समय जुलाई से सितम्बर के बीच का माह माना जाता है.

 

कटहल की खेती के लिए सिंचाई प्रक्रिया

कटहल की खेती के लिए सिंचाई प्रक्रिया की बात करें तो पौधा रोपण की शुरुआती अवस्था में पानी देते रहना है लेकिन इसके बाद गर्मी और सर्दी के मौसम में 15 दिन के अन्तराल पर पानी देना है.

 

कटहल की खेती के लिए निराई एवं गुड़ाई

कटहल की खेती में निराई और गुड़ाई की बात करें तो कटहल के पौध जब बड़े हो जाते हैं तो साल में एक बार जुताई करनी चाहिए.

 

कटहल की उन्नत किस्में

इसके अलावा कटहल की कुछ उन्नत किस्में दी गयी है, जिनकी खेती कर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

जो इस प्रकार है- रसदार, खजवा, सिंगापुरी, गुलाबी, रुद्राक्षी आदि.

source : krishijagran

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