हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

मशरूम की खेती से हर साल 7 लाख रुपये तक की कमाई

सोनीपत के रहने वाले रणवीर पहले प्राइवेट नौकरी करते थे. इससे बड़ी मुश्किल से उनके परिवार का गुजारा होता था.

उन्होंने 25 साल पहले मशरूम की खेती की शुरुआत की थी. इसके जरिए आज वह 6 से 7 लाख रुपये का मुनाफा हासिल कर रहे हैं.

 

किसान ने ऐसे किया कमाल

बढ़ती लागत और कम होती जमीन से लोगों का खेती से मोहभंग हो रहा है.

ऐसे में मशरूम की खेती किसानों के लिए बढ़िया विकल्प बनकर सामने आई है.

हरियाणा के सोनीपत के रोहट गांव के रहने वाले रणवीर सिंह मशरूम की खेती से अपनी एक नई पहचान बना रहे हैं.

 

6 से 7 लाख रुपये मुनाफा हासिल कर रहे हैं रणवीर

रणवीर पहले प्राइवेट नौकरी करते थे. इससे बड़ी मुश्किल से उनके परिवार का गुजारा होता था.

उन्होंने 25 साल पहले मशरूम की खेती की शुरुआत की थी. इसके जरिए आज वह 6 से 7 लाख रुपये मुनाफा हासिल कर रहे हैं.

6-7 लोगों को काम पर रखा हुआ है. इसके अलावा अन्य लोगों को भी मशरूम की खेती के लिए लगातार प्रोत्साहित कर स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

 

कम लागत में कई गुना मुनाफा

विशेषज्ञों के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में किसानों का रुझान मशरूम की खेती की तरफ तेजी से बढ़ा है. 

बाजार में मशरूम का अच्छा दाम मिल जाता है.

कम जगह और कम समय के साथ ही इसकी खेती में लागत भी बहुत कम लगती है, जबकि मुनाफा लागत से कई गुना ज्यादा मिल जाता है.

मशरूम की खेती के लिए किसान किसी भी कृषि विज्ञान केंद्र या फिर कृषि विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण ले सकते हैं.

 

मशरूम से बनाए जाते हैं कई प्रोडक्ट

हमारे देश में मशरूम का उपयोग भोजन व औषधि के रूप में किया जाता है.

प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण और विटामिन जैसे उच्च स्तरीय खाद्य मूल्यों के कारण मशरूम सम्पूर्ण विश्व में अपना एक विशेष महत्व रखता है. 

भारत में मशरूम को खुम्भ, खुम्भी, भमोड़ी और गुच्छी आदि नाम से जाना जाता है.

देश में बेहतरीन पौष्टिक खाद्य के रूप में मशरूम का इस्तेमाल किया जाता है.

इसके अलावा मशरूम के पापड़, जिम का सप्लीमेन्ट्री पाउडर, अचार, बिस्किट, टोस्ट, कूकीज, नूडल्स, जैम (अंजीर मशरूम), सॉस, सूप, खीर, ब्रेड, चिप्स, सेव, चकली आदि बनाए जाते हैं.

देखे बैटरी से संचालित लहसुन कटिंग मशीन