धार जिले के मनावर तहसील के खेडी गांव के किसानों ने इस साल केले की खेती शुरू की है.
महज 9 महीने बाद उन्होंने 9 टन केले बेचकर करीब 2,28,000 रुपये कमाए।
किसान का अनुमान है कि उसके 12,000 पेड़ों से अगले दो महीनों में लगभग 80 टन अधिक केले पैदा होंगे, जिससे उसे लगभग 27 लाख रुपये का लाभ होगा।
महाराष्ट्र से ट्रेनिंग लेकर धार में की खेती
जानिए, केले की खेती कैसे करते हैं
पौधों की रोपाई से पहले खाद और उर्वरक आदि डालकर जमीन तैयार कर ली जाती है।
पौधों की रोपाई के समय उनके बीच पांच फीट का अंतर होना जरूरी है।
यह अंतर सिर्फ आगे पीछे नहीं बल्कि दाएं भी रखना जरूरी है। पौधों में पत्तियां आने पर काट-छांट कर गैर जरूरी पत्तियों को हटाया जाता है।
इन केले के पौधों को आठ फीट तक बड़ा करने के लिए बेहतर क्वालिटी के पोटाश, यूरिया, डीएपी, जिंक, मोइकोनिजर, फेरस जैसे कई और खादों का उपयोग किया है।
इनमें किसी भी कीटनाशक का उपयोग नहीं करते हैं।
पत्तियों के अलावा पौधों की बढ़ती ऊंचाई का ध्यान रखना भी जरूरी है। जैसे ही पौधे जमीन से एक से डेढ़ मीटर ऊंचाई हासिल कर लें, तो उन्हें बांस का सहारा देकर खड़ा कर देना चाहिए।
जिससे आंधी या तेज हवा से पौधों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।