हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

कृषक उत्पादक संगठनों की दोगुनी हुई आय

WhatsApp Group Join Now
Instagram Group Join Now
Telegram Group Join Now

 

मोदी सरकार की इस योजना का कमाल

 

FPO किसानों का एक ऐसा समूह होता है, जो कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड होता है. यह कृषि उत्पादक कार्य आगे बढ़ाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान एफपीओ योजना के शुरुआत की थी.

 

लघु कृषक कृषि व्यापार सहायता-संघ (SFC) ने ने कहा कि पश्चिम बंगाल समेत तीन राज्यों में करीब तीस कृषक उत्पादक संगठन (FPO) की आय एक प्रायोगिक परियोजना के चलते पिछले वर्षों के दौरान दुगनी से भी अधिक हुई है.

एसएफएसी एक स्वतंत्र निकाय है. इसे केंद्रीय कृषि मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है.

एसएफएसी ने पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के तीस चुनिंदा एफपीओ की विविध प्रकार से सहायता के लिए में 2018 में ग्रांट थॉर्नटन भारत के साथ एक समझौता किया था.

 

एसएफएसी के प्रबंध निदेशक नीलकमल दरबारी ने एक बयान में कहा, ‘‘ऋण, कृषि उत्पादन सामग्री , साझा-सुविधा और बाजार कड़ी जैसे कई मामलों में एफपीओ की मदद की गई.

 

यह भी पढ़े : सोयाबीन की अधिक पैदावार के लिए किसान रखें इन बातों का ध्यान

 

44 लाख रुपये से बढ़कर 118 लाख रुपये का हुआ कोरोबार

इसके अलावा इन संगठनों के निदेशक मंडल (बीओडी) में कारोबार की योजनाएं बनाने की क्षमता के निर्माण और प्रशिक्षण जैसी मदद भी दी गई. इनमें से लगभग सभी एफपीओ को कार्यशील पूंजी या ऋण सुविधा मिली हुई थी.’’

 

एसएफएसी के अनुसार इन हस्तक्षेपों के प्रभाव मूल्यांकन से पता चला कि 30 लक्षित एफपीओ का औसत कारोबार दो साल की अवधि में 44 लाख रुपये से बढ़कर 118 लाख रुपये प्रति वर्ष हो गया.

 

उसने कहा कि प्रायोगिक परियोजना का उद्देश्य इन राज्यों में विभिन्न स्तरों पर काम कर रहे एफपीओ को एकत्रित और सक्रिय करना है.

इससे किसानों की आय में वृद्धि हो तथा वे अपनी कृषि आधारित आजीविका को स्थायी रूप से मजबूत कर सके.

 

यह भी पढ़े : सब्सिडी पर आम की बागवानी और वाक इन टनल विथ सीडलिंग ट्रे खेती के लिए आवेदन करें

 

FPO बनाने के लिए क्या करना होता है?

एफपीओ किसानों का एक ऐसा समूह होता है, जो कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड होता है. यह कृषि उत्पादक कार्य को आगे बढ़ाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान एफपीओ योजना के शुरुआत की थी.

 

एफपीओ योजना के तहत किसानों को वो सारे फायदे मिलते हैं, जो एक कंपनी को मिलते हैं. मगर यह संगठन कॉपरेटिव पॉलिटिक्स से बिल्कुल अलग होते हैं.

यानी इस कंपनी पर कॉपरेटिव एक्ट नहीं लागू होता है. किसान एफपीओ योजना के तहत ऐसे किसानों को अपना एक समूह बनाना होता है.

समूह बनाने के बाद उसे कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड करवाना होता है.

 

किसान FPO के फायदे

  • किसान FPO लघु व सीमांत किसानों का एक ऐसा समूह होगा. इससे जुड़े किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा, बल्कि
  • उन्हें खाद, बीज, दवाएं और कृषि उपकरण आदि की खरीद की सुविधा भी मिलेगी. FPO बनाने के बाद किसानों को सेवाएं काफी सस्ती
  • मिलेगी और बिचौलियों का काम भी खत्म हो जाएगा.
  • एफपीओ सिस्टम के तहत किसानों को उनकी फसल के भाव अच्छे मिलते हैं. उन्हें सीधा बाजार मिलता है.

 

यह भी पढ़े : पालीहाउस, शेड नेट हाउस, प्लास्टिक मल्चिंग, ग्रीन हॉउस एवं फूलों की खेती पर सब्सिडी के लिए आवेदन करें

 

source

 

शेयर करे