हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

खरीफ प्याज की खेती से किसानों की आय में होगी वृद्धि

WhatsApp Group Join Now
Instagram Group Join Now
Telegram Group Join Now

 

5 राज्यों में चल रहा प्रोजेक्ट और भारत सरकार कर रही मदद

 

खरीफ प्याज अक्टूबर-नवंबर के महीने में तैयार होती है और इस वक्त प्याज का रेट कम से कम 40-50 रुपए प्रति किलो रहता है.

यहीं वजह है कि किसानों को खरीफ प्याज की खेती से काफी कमाई हो जाती है.

 

इस समय भारत सरकार मिशन ऑफ इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर के तहत खरीफ प्याज को बढ़ावा देने का काम कर रही है.

पांच राज्यों को सरकार ने एक खास प्रोजेक्ट दिया है, इसमें हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश शामिल हैं.

प्याज उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस दिशा में विशेष जोर दिया जा रहा है और इसी वजह से मिशन की शुरुआत की गई है.

 

राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं अनुसंधान विकास प्रतिष्ठान, नई दिल्ली के निदेशक डॉ पीके गुप्ता बताते हैं कि खरीफ प्याज के लिए नर्सरी डालने का उचित समय है.

किसानों को उन्नत किस्मों का चुनाव करना चाहिए. एनएचआरडीएफ ने एक खास किस्म विकसित की है, जो काफी अच्छा है. किसान भाइयों को इसका इस्तेमाल करना चाहिए.

 

यह भी पढ़े : आठ जुलाई से प्रदेश में शुरू हो सकता है बारिश का सिलसिला

 

इन किस्मों की खेती करने की सलाह देते हैं कृषि वैज्ञानिक

एग्री फाउंड डार्क रेड एक ऐसी किस्म है जो 80-100 दिन में तैयार हो जाती है. इसके अलावा एनएचआरडीएफ की एक और किस्म है लाइन 883.

गुप्ता बताते हैं कि भारत में इसकी उपलब्धता कम है लेकिन किसान अगर इसकी खोज करेंगे तो यह जरूर मिल जाएगा. लाइन 883 मात्र 75 दिन में पककर तैयार हो जाती है.

 

खरीफ प्याज के लिए नर्सरी तैयार करते वक्त खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. इस समय दिन में तापमान ज्यादा रहता है और अचानक बारिश होने के बाद इसमें गिरावट दर्ज होती है.

इस वजह से नर्सरी को नुकसान पहुंचने का डर बना रहता है. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि नर्सरी डालने से पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार कर लें. ताकि पौध प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम हो.

 

पैदावार तैयार होने पर अच्छी कमाई तय

गुप्ता बताते हैं कि एग्री फाउंड डार्क रेड किस्म की नर्सरी डालने के लिए 7 से 8 किलो बीज प्रति हेक्टेयर के हिसाब से लेना चाहिए.

लाइन-883, भीमा रेड और पूसा रेड किस्म के बीज का भी किसान इस्तेमाल कर सकते हैं.

गुप्ता सलाह देते हैं कि किसान भाई जब भी बीज लें तब सरकारी संस्थान से लें, अच्छी कंपनियों का बीज खरीदें क्योंकि बीज महंगा है और आगे चलकर नुकसान उठाना न पड़े इसलिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

 

अगर आपने नर्सरी सही तरीके से तैयार कर ली तो आपको जबरदस्त कमाई से कोई नहीं रोक सकता.

खरीफ प्याज अक्टूबर-नवंबर के महीने में तैयार होती है और इस वक्त प्याज का रेट कम से कम 40-50 रुपए प्रति किलो रहता है.

यहीं वजह है कि किसानों को खरीफ प्याज की खेती से काफी कमाई हो जाती है.

 

यह भी पढ़े : फटाफट करवाईए फसल बीमा

 

यह भी पढ़े : मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना होगी शुरू

 

source

 

शेयर करे