अब म.प्र. के किसानों को भी इफको द्वारा निर्मित बोतल में भरा हुआ नैनो यूरिया शीघ्र मिलने लगेगा I
नैनो यूरिया के उपयोग से फसल उत्पादकता में सुधार होगा और किसानों की आय बढेगी I साथ ही आदान लागत और रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग में भी कमी आएगी I
नैनो यूरिया की पहली खेप म.प्र. के किसानों के लिए रवाना करने के वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि इफको ने मेक इन इंडिया के तहत इस नवीन उत्पाद को विकसित किया है I
इससे न केवल किसानों की आय बढेगी बल्कि रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में भी कमी आएगी I
श्री तोमर ने वर्चुअल कार्यक्रम में दिल्ली से हरी झंडी दिखाकर गुजरात के कलोल स्थित इफको सयंत्र से म.प्र. के जबलपुर के लिए नैनो यूरिया रवाना किया I
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इस अवसर पर डॉ. अवस्थी ने कहा कि इस उत्पाद के माध्यम से इफको आत्म निर्भर भारत और आत्म निर्भर कृषि की दिशा में अपना योगदान दे रहा है I
फसलों पर प्रभाव की दृष्टि से नैनो यूरिया की आधे लीटर की एक बोतल यूरिया के एक बैग के बराबर है I
नैनो यूरिया उत्पादन एक नजर में
- कलोल सयंत्र की वर्तमान क्षमता प्रतिदिन 6,750 टन
- कलोल सयंत्र से आपूर्ति क्षमता प्रतिदिन 15,000 बोतल
- नैनो यूरिया के निर्माणधीन सयंत्र – कलोल, आंवला एवं फूलपुर
- इनकी कुल प्रारंभिक वार्षिक उत्पादन क्षमता 14 करोड़ बोतल (500 एम एल)
नैनो यूरिया से किसान व सरकार को लाभ
नैनो यूरिया के वर्तमान उत्पादन से सरकार को उर्वरक अनुदान में 35 हजार करोड़ रु. की बचत होगी , वहीँ किसानों को 35 हजार करोड़ रु. की आय होगी I
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