भोपाल
मिट्टी का परीक्षण
संयुक्त संचालक कृषि ने किसानों से किया आग्रह।
जिले में गेहूं, चने सहित अन्य फसल कट जाने के कारण खेत खाली हैं।
ऐसे में किसान अपने खेत की मिट्टी की उवर्रक क्षमता पता करने के लिए निश्शुल्क परीक्षण करवा सकते हैं।
इससे आने वाले समय में वह आगामी फसलों की अच्छी उपज ले सकें।
मिट्टी का परीक्षण बेहद जरूरी
किसानों द्वारा खेत में सोयाबीन फसल की उपज लेने के बाद गेहूं की फसल लगा दी जाती है।
इससे गेहूं की फसल की कटाई के बाद खेत की मिट्टी की उवर्रक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में मिट्टी का परीक्षण बेहद जरूरी है।
संयुक्त संचालक कृषि बीएल बिलैया ने किसानों से कहा है कि रबी फसल की कटाई के उपरांत बाद अभी खेत खाली है और यही समय है।
खेत से मिट्टी – का नमूना एकत्रित कर परीक्षण कराने से मिट्टी में उपस्थित पोषक तत्वों की स्थिति एवं मात्रा का पता चल जाता है।
जिससे आगामी खरीफ मौसम में बोई जाने वाली फसल के लिये आवश्यक पौषक तत्वों की मात्रा निर्धारित की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि बगैर मिट्टी परीक्षण कराए अनुमान से ही पोषकतत्वों (उर्वरक) की पूर्ति करते हैं, जो कि वास्तविक आवश्यकता से कम या अधिक हो सकती है। जो कि उचित नहीं है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड जरूर प्राप्त करें
कृषकों से अपील की है कि अपने खेत की मिट्टी का नमूना लेकर प्रत्येक विकासखण्ड में स्थित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में परीक्षण अवश्य कराएं कराए।
नि:शुल्क परीक्षण की सुविधा का लाभ लेकर परीक्षण उपरांत प्रयोगशाला द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड जरूर प्राप्त करें।
जिसमें उपलब्ध पोषक तत्वों की मात्रा दर्शायी जाती है। साथ ही आगामी फसल हेतु आवश्यक पौषक तत्वों की अनुशंसा भी की जाती है।
कृषक बंधु विस्तृत जानकारी हेतु अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अथवा विकासखण्ड में स्थित कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी में संपर्क कर सकते हैं।
source : naidunia
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