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किसान घर बैठे बेच सकेंगे अपनी फसल

 

न्यूनतम समर्थन मूल्य

 

न्यूनतम समर्थन मूल्य : जानें, क्या रहेगी फसल खरीदी की व्यवस्था और इससे क्या लाभ

 

हर साल की तरह इस बार भी सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ की फसल खरीदने की तैयारियां चल रही हैं।

इसके तहत अलग-अलग राज्य अपने स्तर पर खरीफ फसल की खरीद के लिए व्यवस्था कर रही है।

इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कोरोना संकट के दौरान जो व्यवस्था लागूू की थी कि घर से ही किसान अपनी उपज बेच सकेंगे।

इसे स्थाई रूप से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार ने यह फैसला किसानों की सहुलियत को देखते हुए लिया है।

इस तरह मध्यप्रदेश ऐसी व्यवस्था स्थाई रूप से शुरू करने वाला देश का पहल राज्य बन गया है।

 

मोबाइल एप से उपज खरीदी की व्यवस्था को स्थाई करने की तैयारी

मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार मध्यप्रदेश के किसान घर से अपनी उपज बेच सकेंगे, इसके लिए मंडी बोर्ड द्वारा पहल की गई है।

इसके पूर्व कोरोना संकट में मध्यप्रदेश की मंडियां बंद रहने पर म.प्र. शासन ने किसानों के घर से कृषि उपज खरीदने की छूट व्यापारियों को दी गई थी।

इस प्रकार की व्यवस्था में किसानों और व्यापारियों की भागीदारी को देखते हुए सौदा पत्रक से खरीदी की प्रकिया के आशानुरूप सफलतम परिणाम आने से मप्र शासन अब मोबाइल एप से खरीदी की व्यवस्था को स्थाई रूप देने जा रही है।

इस व्यवस्था को निरंतर बनाए रखने के लिए प्रबंध संचालक मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल द्वारा गत दिनों परिपत्र जारी कर सौदा पत्रक एंड्राइड मोबाइल एप के माध्यम से मंडी प्रांगण के बाहर कृषि उपज का क्रय-विक्रय पुन: किए जाने के संबंध में समस्त मंडी सचिवों को निर्देश दिए गए हैं।

 

किसान मंडी के बाहर भी बेच सकेंगे अपनी उपज

बता दें कि मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में किसानों की कृषि उपज सौदा पत्रक माध्यम से क्रय किए जाने का प्रावधान है।

इस व्यवस्था में व्यापारी मंडी के बाहर भी किसान की सहमति के आधार पर कृषि उपज खरीद सकेंगे।

इससे किसान को मंडी तक जाने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा। साथ ही सरकार को मिलने वाले मंडी शुल्क में भी कमी नहीं होगी।

 

व्यापारियों को किसान से सीधे उपज खरीदने की दी अनुमति

मध्यप्रदेश में किसानों की उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर प्राथमिक साख सहकारी समितियों के माध्यम से प्रमुख रूप से गेहूं और धान की खरीदी की जाती है।

इसके अलावा व्यापारियों द्वारा मंडी प्रांगणों में बोली लगाकर कृषि उपज खरीदते हैं।

इस संबंध में मंडी बोर्ड द्वारा किसानों को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए सौदा पत्रक एंड्राइड मोबाइल एप तैयार कर मंडी बोर्ड/मंडी समिति से अनुज्ञप्ति प्राप्त व्यापारियों को मंडी प्रांगण के बाहर सीधे किसानों से कृषि उपज का खरीदने की अनुमति दी गई है।

प्रबंध संचालक श्री विकास नरवाल द्वारा पूर्ण प्रक्रिया का पालन करते हुये सौदा पत्रक एंड्राइड मोबाइल एप के माध्यम से किसानों की कृषि उपज क्रय-विक्रय के संबंध में पूर्ण निष्ठा एवं लगन से कार्यवाही करने के लिए निर्देश समस्त मंडी अमले को दिए हैं।

 

अवैध व्यापार की रोकथाम के दिए निर्देश

मध्यप्रदेश की मण्डी समितियों में अवैध व्यापार पर नियंत्रण हेतु मंडी बोर्ड द्वारा कठोर कदम उठाये जा रहे हैं।

प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल द्वारा अवैध व्यापार पर नियंत्रण हेतु गठित निरीक्षण दल/उडऩ दस्ते के माध्यम से सख्त कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए।

प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड द्वारा समस्त संयुक्त संचालक आंचलिक कार्यालय तथा मंडी सचिवों को मंडी क्षेत्र में होने वाले कृषि उपज के अवैध व्यापार एवं अवैध परिवहन पर सतत निगरानी रख कर निरीक्षण किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

जिसकी साप्ताहिक समीक्षा मंडी बोर्ड स्तर से वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से किए जाने के लिए मध्यप्रदेश की समस्त ‘अ’ वर्ग की 39 मंडियों के लिए मंगलवार, ‘ब’ वर्ग की 42 मंडियों के लिए बुधवार, ‘स’ वर्ग की 56 मंडियों के लिये गुरुवार तथा ‘द’ वर्ग की 122 मंडियों के लिए शुक्रवार का दिन निर्धारित करते हुए समस्त आंचलिक अधिकारियों तथा मंडी सचिवों को वर्चुअल मीटिंग में अवैध व्यापार की रोकथाम हेतु अधिक से अधिक सतत निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। 

 

पहले भी की जाती रही है अवैध व्यापार पर कार्रवाई

बता दें कि इसके पहले भी मंडी बोर्ड के अंतर्गत समस्त सातों आंचलिक कार्यालय- भोपाल, इन्दौर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, जबलपुर, रीवा द्वारा संभागीय/ मंडी समिति स्तर पर निरीक्षण दल/उडऩ दस्ते का गठन कर अवैध व्यापार पर निरीक्षण एवं नियंत्रण की कार्रवाई की जाती रही है।

 

मध्यप्रदेश में कब से शुरू हो रही है धान की खरीद

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों के लिए खरीफ फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी हेतु पंजीयन 15 सितंबर से शुरू करने जा रही है।

बता दें कि किसानों को समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने के लिए पंजीकरण अवश्य करवाना होगा।

इसके अभाव में किसानों से फसल की खरीद नहीं की जाएगी। किसानों की सुविधा के लिए मध्यप्रदेश में 1,718 पंजीयन केंद्र बनाए गए है।

 

किसान घर बैठे भी करा सकेंगे उपज बेचने के लिए पंजीयन

मध्य प्रदेश सरकार राज्य के किसानों से वर्ष 2021-22 के लिए धान, बाजरा तथा ज्वार की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने जा रही है।

इसके लिए पंजीयन 15 सितंबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर 2021 तक किए जाएंगे।

मध्य प्रदेश के किसान खरीफ फसलों के पंजीयन ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों प्रकार से कर सकते हैं।

किसानों की सुविधा के लिए कई प्रकार की आनलाइन पंजीयन प्रक्रिया रखी गई है, जिससे किसान आसानी से घर बैठे अपना पंजीकरण कर सकते हैं।

किसान अब अपना पंजीयन डाटा एंट्री के अलावा एमपी किसान एप, प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाओं एवं विगत खरीफ वर्ष में उपार्जन/पंजीयन करने वाले महिला स्व-सहायता समूह एवं एफपीओ द्वारा संचालित पंजीयन केंद्र से भी करा सकेंगे।

इसके अलावा सिकमिदार एवं वनाधिकार पट्टाधारी अपना पंजीयन समिति / एफपीओ / महिला स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित केन्द्रों में ही करा सकेंगे।

 

क्या है इस बार खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य 2021

मध्य प्रदेश सरकार राज्य के किसानों से खरीफ फसल की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने जा रही है।

यह न्यूनतम समर्थन मूल्य केंद्र सरकार के द्वारा पहले से घोषित किए जा चुके हैं।

 

इस वर्ष खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य इस प्रकार तय किया गया है-

  • धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1940 रुपए प्रति क्विंटल
  • ज्वार का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2738 रुपए प्रति क्विंटल
  • बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपए प्रति क्विंटल 

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