प्राकृतिक खेती पर गाय पालन एवं किट खरीदने पर अनुदान
देश में खेती की लागत को कम करने एवं रासायनिक खेती से हो रहे नुकसान को कम करने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान नने किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएँ की।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हरित क्रांति में रसायनिक खाद के उपयोग ने खाद्यान्न की कमी को पूरा किया, परंतु अब इसके घातक परिणाम सामने आ रहे हैं।
रसायनिक खाद एवं कीटनाशकों के उपयोग से धरती की सतह कठोर और मुनष्य रोग ग्रस्त होता जा रहा है।
इसके उपयोग को नियंत्रित करने की आवश्यकता है, जो प्राकृतिक खेती से ही संभव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन किया गया है।
प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए ग्राम स्तर तक वातावरण बनाने और इसमें किसानों की सहायता करने के लिए राज्य सरकार कई कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान नीति आयोग द्वारा नवोन्वेषी कृषि पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में मंत्रालय से वर्चुअली शामिल हुए।
प्रत्येक जिले के 100 गाँव में की जाएगी प्राकृतिक खेती
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में 52 जिले हैं।
प्रारंभिक रूप से प्रत्येक जिले के 100 गाँव में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी।
वर्तमान खरीफ की फसल से प्रदेश के 5,200 गाँव में प्राकृतिक खेती की गतिविधियाँ आरंभ होंगी।
वातावरण-निर्माण के लिए प्रदेश में कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
अब तक प्रदेश के 1 लाख 65 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती में रूचि दिखाई है।
नर्मदा नदी के दोनों ओर प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्राकृतिक खेती के लिए गाय पालन पर दिया जाएगा अनुदान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिस प्रकार हरित क्रांति के लिए किसानों को रासायनिक खाद पर सब्सिडी और अन्य सहायता उपलब्ध कराई गई उसी प्रकार प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन देना और सहयोग करना आवश्यक है।
प्राकृतिक खेती के लिए देसी गाय आवश्यक है। देसी गाय से ही प्राकृतिक खेती के लिए आवश्यक जीवामृत तथा धनजीवामृत बनाए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को देसी गाय रखने के लिए 900 रुपये प्रति माह अर्थात 10 हजार 800 रूपए प्रतिवर्ष उपलब्ध कराए जाएंगे।
साथ ही प्राकृतिक कृषि किट लेने के लिए किसानों को 75 प्रतिशत राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रत्येक गाँव में की जाएगी किसान मित्र एवं किसान दीदी की व्यवस्था
प्राकृतिक खेती के मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक विकासखंड में 5 पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
प्रत्येक गाँव में किसान मित्र और किसान दीदी की व्यवस्था भी होगी, जो प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे।
कार्यकर्ताओं और मास्टर ट्रेनर को मानदेय भी दिया जाएगा।
source : kisansamadhan
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