हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

एक-एक खेत का सर्वे कर किसानों को दिया जाएगा फसल नुकसानी का मुआवजा

WhatsApp Group Join Now
Instagram Group Join Now
Telegram Group Join Now

फसल नुकसानी का मुआवजा

जून माह में अच्छी बारिश के चलते फसलों के बुआई क्षेत्र में वृद्धि हुई है। जुलाई माह में कई स्थानों में बारिश का आभाव रहा जिसके चलते फसलों में कीट-रोग के प्रकोप के चलते फसलों को काफी नुकसान हुआ है। सोयाबीन एवं उड़द की फसलों में पीला मोजेक रोग लगने के चलते किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। वही अगस्त में तेज बारिश के चलते कई जिलों में बाढ़ एवं जल भराव के कारण फसलें ख़राब हुई है। ऐसे में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं।

 

एक-एक खेत का सर्वे किया जायेगा

सर्वे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रायसेन तहसील के अनेक गांवों में बाढ़ से प्रभावित फसलों का निरीक्षण किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पग्नेश्वर में किसानों, ग्रामीणों से संवाद करते हुए कहा कि उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है, सरकार आपके साथ है। बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों की हर संभव सहायता कर उन्हें संकट से बाहर लेकर आएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक-एक खेत का सर्वे ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ किया जाये, कोई भी प्रभावित सर्वे से न छूटे।

 

यह भी पढ़े : इंदौर- उज्जैन संभाग में बंटेगा फसल बीमा का 2958 करोड़

 

किसानों को राहत राशि के साथ दिया जायेगा फसल बीमा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि चाहे उन्हें कर्ज लेना पड़े, वे किसानों के नुकसान की भरपाई, राहत की राशि और फसल बीमा से करेंगे । मुख्यमंत्री ने यहाँ सोयाबीन और उड़द फसलों में लगे यलो-मौजिक रोग के चलते फसलों के नुकसान का खेतों मे जाकर निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने जिला-प्रशासन को निर्देश दिए कि सर्वे का काम शीघ्र करें और किसी भी प्रकार की हड़बड़ी न हो इसका भी विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रभावित किसान फसलों के सर्वे के बाद राहत और बीमा राशि से वंचित नहीं रहे। सर्वे में पंचायत के 5 सदस्यों को भी रखें जिससे कोई गड़बड़ी नहीं हो।

 

श्री शिवराज सिंह चौहान ने खेतों मे पहुँचकर यलो-मौजिक रोग से प्रभावित हुई सोयाबीन फसल का जायजा लिया। श्री चौहान को कृषि अधिकारियों ने बताया कि लगातार 3 हफ्ते से बारिश नहीं होने के कारण यह प्रकोप हुआ है। उन्होंने कहा की किसानों को राहत की राशि के साथ ही किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ भी दिया जायेगा। इससे आपके नुकसान की भरपाई हो जायेगी।

 

फसल बीमा योजना के प्रीमियम जमा कराने की अवधि 7 सितंबर तक बढाई गई

पिछले दिनों मध्यप्रदेश में कई जिलों में बाढ़ के चलते किसान फसलों का बीमा नहीं करवा पाए थे।  इसको लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित जिलों में फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि आगे बढ़ाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के आग्रह को स्वीकारते हुए प्रदेश के बाढ़ प्रभावित पांच जिलों रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, देवास और हरदा में फसल बीमा योजना के प्रीमियम जमा कराने की अवधि 7 सितंबर तक बढ़ा दी है। इन जिले के जो शेष रहे किसान भी अब प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ ले सकेंगे। पहले फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि 31 अगस्त, 2020 निर्धारित की गई थी।

 

यह भी पढ़े : कीट-रोग एवं बारिश से हुए फसल नुकसान का मुआवजा

 

source : kisansamadhan

 

 

शेयर करे