खरीफ फसलों की बुआई का समय नजदीक आ गया है, ऐसे में कृषि विभाग द्वारा किसानों को विभिन्न फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए सुझाव दिये जा रहे हैं।
इस क्रम में जबलपुर के किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने जिले के किसानों को खरीफ मौसम में मक्के की बोनी रेज्ड बेड प्लांटर से करने की सलाह दी है।
कृषि विभाग के मुताबिक़ रेज्ड बेड प्लांटर से बोई गई मक्के की फसल में खरपतवारनाशक दवायें एवं उर्वरक डालने के लिए पर्याप्त जगह मिल जाती है जिससे मक्के का उत्पादन भी 15 से 20 फीसदी तक बढ़ जाता है।
मक्का की बुवाई
उपसंचालक कृषि रवि आम्रवंशी के मुताबिक जिले में धान के बाद सर्वाधिक रकबा मक्का का है। खरीफ में जिले में 45 हजार हेक्टेयर में मक्के की फसल ली जाती है।
कई स्थानों पर खरीफ सीजन में अधिक वर्षा होने की वजह से जल भराव की स्थिति बन जाती है और इससे मक्के की फसल में अंकुरण में कमी एवं तना सड़न रोग की समस्या हो जाती है।
रेज्ड बेड प्लांटर मशीन से मक्के की बोनी कर इन समस्याओं से निजात पाई जा सकती है।
रेज्ड बेड प्लांटर से मक्का बुआई के फायदे
कृषि विभाग जबलपुर के उपसंचालक आम्रवंशी ने बताया कि रेज्ड बेड प्लांटर को ट्रेक्टर के पीछे लगाया जाता है और इसके माध्यम से बोनी में एक ही समय पर मेड़ और गहरी नाली बन जाती है।
इसमें मेड़ पर बुवाई की जाती है। ज्यादा वर्षा होने से फसल को नुकसान नहीं होता क्योंकि पानी नालियों से निकल जाता है और कम वर्षा होने पर नालियों से मेड़ में नमी बनी रहती है।
इससे अतिवृष्टि और कम वर्षा से फसल को क्षति से बचाया जा सकता है।
उपसंचालक कृषि के मुताबिक जिले में मक्के की बोनी हेतु किसान अधिकतम संकर बीज का उपयोग करते हैं। इस बीज की कीमत भी अधिक होने के कारण किसान प्रत्येक बीज अंकुरित हो ऐसी आशा करता है।
इस विधि से बीज का अंकुरण प्रतिशत अधिक होने के साथ ही तना सड़न रोग से भी निजात मिल जाती है।
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