देश में दुग्ध उत्पादन, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन एवं पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है।
जिसमें लाभार्थी को कम ब्याज दर पर बैंक ऋण, सब्सिडी आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती है।
इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
योजना के तहत लाभार्थियों को पशुपालन के लिए लोन के साथ ही ब्याज पर अनुदान दिया जा रहा है।
पशुपालन लोन पर ब्याज अनुदान
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने पशुपालकों से अपील की है कि आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना का लाभ उठायें।
श्री पटेल ने बताया कि वर्ष 2022-23 में योजना में लक्ष्य के अनुसार सामान्य वर्ग के 421, अनुसूचित जनजाति के 16 और अनुसूचित जाति के 38 हितग्राही को लाभान्वित किया गया।
पशु पालन के लिए इतना ले सकते हैं बैंक ऋण
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने योजना के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि योजना में पशुपालक 10 लाख रूपये तक के 5 या इससे अधिक पशु स्वीकृत करा सकते हैं।
लागत की 75 प्रतिशत राशि बैंक ऋण के माध्यम से ले सकते हैं तथा शेष राशि मार्जिन मनी की व्यवस्था हितग्राही को स्वयं के अंशदान से करनी होती है।
ब्याज की प्रतिपूर्ति
इकाई लागत के 75 प्रतिशत पर या हितग्राही द्वारा बैंक से प्राप्त ऋण पर जो भी कम हो 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से (अधिकतम 25 हजार रूपये प्रतिवर्ष) ब्याज की प्रतिपूर्ति 7 वर्षों तक पशुपालन विभाग द्वारा की जाएगी।
पाँच प्रतिशत से अधिक शेष ब्याज दर पर ब्याज की प्रतिपूर्ति हितग्राही को स्वयं करना होती है।
- इसमें सामान्य वर्ग के लिये परियोजना लागत का 25 प्रतिशत मार्जिन मनी देना होता है,
- जो अधिकतम 2 लाख 50 हजार रूपये है
- वहीं अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को परियोजना लागत का 33 प्रतिशत,
- अधिकतम 2 लाख रूपये की मार्जिन मनी की आवश्यकता होती है।
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