जल्दी खराब होने वाली फसलों के लिए
देश में सरकार द्वारा किसान हित में कई योजनाएँ चलाई जा रही है। इसमें जल्दी खराब होने वाली फसलों को नुक़सान से बचाने के लिए सरकार की ओर से कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है।
इसके लिए सरकार द्वारा देश भर में बागवानी के लिये एकीकृत विकास मिशन (MIDH) योजना चलाई जा रही है।
योजना के तहत सरकार 5000 मीट्रिक टन की क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए अनुदान उपलब्ध कराती है।
कोल्ड स्टोरेज के लिए दी जाती है 50 प्रतिशत की सब्सिडी
कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए सरकार लाभार्थी उद्यमियों को क्रेडिट लिंक्ड बैंक एंड सब्सिडी के रूप में सरकारी सहायता संबंधित राज्य बागवानी मिशनों के माध्य से सामान्य क्षेत्रों में परियोजना लागत के 35 प्रतिशत और पहाड़ी और अनुसूचित क्षेत्रों में परियोजना लागत का 50 प्रतिशत की दर पर अनुदान उपलब्ध कराती है।
इसके अलावा राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) “बागवानी उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज और भंडारण के निर्माण/विस्तार/आधुनिकीकरण के लिए पूंजी निवेश सब्सिडी” नामक एक योजना चलाई जा रही है।
योजना के तहत, कोल्ड स्टोरेज और नियंत्रित के निर्माण/विस्तार/आधुनिकीकरण के लिए सामान्य क्षेत्रों में परियोजना की पूंजी लागत का 35 प्रतिशत और उत्तर पूर्व, पहाड़ी और अनुसूचित क्षेत्रों के मामले में 50 प्रतिशत की दर से क्रेडिट लिंक्ड बैक-एंडेड सब्सिडी दी जाती है।
5000 मीट्रिक टन से अधिक और 10,000 मीट्रिक टन तक की क्षमता का नियंत्रित वायुमंडल (सीए) भंडारण उपलब्ध है।
उत्तर पूर्व क्षेत्र के मामले में, 1000 मीट्रिक टन से अधिक क्षमता वाली इकाइयाँ भी सहायता के लिए पात्र हैं।
इसके अलावा सरकार कोल्ड स्टोरेज की स्थापना सहित फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिए लिए गये सावधि ऋण पर ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है।
इन्हें दिया जाता है योजना लाभ
- कोल्ड स्टोरेज योजना का लाभ व्यक्ति,
- किसानों/ उत्पादकों/उपभोक्ताओं के समूह,
- साझेदारी/ स्वामित्व वाली फ़र्मों,
- स्वयं सहायता समूहों (SHG),
- किसान उत्पादक संगठन (FPO),
- कंपनियों, निगमों,
- सहकारी समितियों,
- सहकारी विपणन संघों,
- स्थानीय निकायों,
- कृषि उपज बाजार समितियाँ और
- विपणन बोर्ड और राज्य सरकारों को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
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