कृषि क्षेत्र के लिए डेटा पॉलिसी लाने की प्रक्रिया जारी
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अभी तक कृषि विभाग में मौजूद सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों, सरकार में विभिन्न डेटा फाइलो में उपलब्ध आंकड़ों को लेकर और उन्हें डिजीटल भूमि रिकॉर्ड से जोड़कर किसानों का डेटाबेस बनाया जा रहा है.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार का लक्ष्य किसानों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाना है और वह कृषि क्षेत्र के लिए डेटा (आंकड़ा) नीति लाने की प्रक्रिया में है.
राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, तोमर ने कहा, ‘सरकार का लक्ष्य एक संघीय राष्ट्रीय किसान डेटाबेस बनाना है और इस डेटाबेस को बनाने के लिए डिजीटल भूमि रिकॉर्ड का उपयोग डेटा विशेषताओं के रूप में किया जाएगा.
किसान के डेटाबेस में गतिशीलता लाने के लिए, इसे डिजिटल भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली से जोड़ना आवश्यक है.’
उन्होंने कहा कि अभी तक कृषि विभाग में मौजूद सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों, सरकार में विभिन्न डेटा फाइलो में उपलब्ध आंकड़ों को लेकर और उन्हें डिजीटल भूमि रिकॉर्ड से जोड़कर किसानों का डेटाबेस बनाया जा रहा है.
तोमर ने कहा, ‘विभाग… इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के परामर्श से कृषि क्षेत्र के लिए डेटा नीति लाने की प्रक्रिया में है.’
डेटाबेस बन जाने से ये मिलेगा लाभ
डेटाबेस की परिकल्पना किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT), मिट्टी और पौधों के स्वास्थ्य संबंधी परामर्श, मौसम संबंधी जानकारी, सिंचाई की सुविधा, और निर्बाध ऋण और बीमा सुविधाओं के लिए सार्वभौमिक पहुंच और व्यक्तिगत सेवाओं की शुरुआत के लिए ऑनलाइन सिंगल साइन की सुविधा प्रदान करने के लिए की गई है.
यह बीज, उर्वरक और कीटनाशकों, आस-पास की रसद सुविधाओं, बाजार तक पहुंच की जानकारी और कृषि उपकरणों आदि विषयों से संबंधित जानकारी भी प्रदान करेगा.
तोमर ने कहा, ‘इसका उद्देश्य उपलब्ध डेटा का लाभ उठाकर और डेटा के आधार पर उपाय करके किसानों की आय में वृद्धि करना है.
इससे लागत कम होगी, खेती में आसानी सुनिश्चित हो, गुणवत्ता में सुधार होगा और किसानों को उनकी कृषि उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा.’
डिजिटल इकोसिस्टम बनाने में आम लोग भी दे सकते हैं राय
यूएफएसआई/एग्रिस्टैक बनाने के लिए, विभाग ‘इंडिया डिजिटल इकोसिस्टम ऑफ एग्रीकल्चर (आईडीईए)’ को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, जो देश में डिजिटल कृषि क्षेत्र के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा.
तोमर ने कहा, ‘एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है और इसके अलावा, न केवल विभाग की वेबसाइट के माध्यम से बल्कि ई-मेल के माध्यम से, आम जनता से टिप्पणी मांगी गई है.
इसमें विशेष रूप से विषय वस्तु के विशेषज्ञों, कृषि-उद्योग, किसानों, किसान उत्पादक संगठनों जैसे आम जनता की टिप्पणियों के लिए आईडीईए पर एक अवधारणा पत्र जारी किया गया है.’
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