प्रदेश के करीब 72 लाख छोटे और गरीब किसानों के लिए राज्य सरकार आगे आई है।
इन किसानों का कराने के लिए पूरा प्रीमियम जमा किया जाएगा।
सरकार दो हेक्टेयर अथवा इससे कम खेती वाले किसानों का फसल बीमा कराने के लिए रोडमैप तैयार कर रही है।
सरकार के खजाने पर करीब 25 करोड़ का वित्तीय भार आने का अनुमान है।
प्रीमियम भी भरेगी सरकार
सरकार पहले चरण में करीब 48 लाख किसानों को इसका फायदा देगी।
इन किसानों के पास सिर्फ एक हेक्टेयर अथवा इससे कम कृषि भूमि है।
इनमें से ज्यादातर किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा हैं, क्योंकि ये किसान गरीब हैं। इनके पास किसान क्रेडिट कार्ड भी नहीं है।
जिनके पास है, वे भी फसल ऋण जमा नहीं करने से डिफाल्टर हो चुके हैं।
दूसरे चरण में 28 लाख और किसानों को इसका लाभ दिया जाएगा। इन किसानों के पास दो हेक्टयर से कम भूमि होगी।
बताया जाता है कि किसानों को फसल बीमा के लिए बीमा प्रीमियम में आने वाले 10 फीसदी वित्तीय भार में से खरीफ सीजन में दो फीसदी और रबी सीजन में डेढ़ फीसदी राशि किसानों से ली जाती है।
8 फीसदी प्रीमियम सरकार करती है जमा
फसल बीमित राशि में से 8 फीसदी प्रीमियम सरकार जमा करती है और ड़ेढ़ से दो फीसदी राशि किसानों को जमा करना होता है।
प्रीमियम की राशि छोटे और बड़े किसानों द्वारा ली जाती है।
सरकार का मानना है कि इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ बड़े किसानों को मिलता है, क्योंकि बड़े किसान तीन से लेकर 20 हेक्टेयर जमीन होने पर बीमा कराते हैं।
इनके लिए सरकार को ज्यादा प्रीमियम जमा करना होता है।
45 लाख किसान कराते हैं बीमा
बताया जाता है कि प्रति वर्ष करीब 45 लाख किसान फसल बीमा कराते हैं।
इनमें एक हेक्टेयर जमीन वाले करीब 10 फीसदी किसान होते हैं।
वहीं, दो हेक्टेयर वाले 28 लाख किसानों में से 20 फीसदी बीमा कराते हैं।
जबकि, इससे दो हेक्टेयर से अधिक खेती करने वाले 90 फीसदी किसान बीमा कराते हैं।
ऐसी स्थिति में ज्यादा खेती करने वाले किसानों को ज्यादा प्रीमियम सरकार को देना होता है।
करना होता है अलग आवेदन
वर्ष 2016 से 2021 तक एक किसान को अपने एक से अधिक खसरा नंबर में दर्ज खेतों के फसल बीमा के लिए एक ही आवेदन करता पड़ता था।
लेकिन, वर्ष 2022 में सरकार ने प्रत्येक खसरा नम्बर में दर्ज खेतों के बीमा करने के लिए अलग-अलग आवेदन करना होता है।
वसूल लिया जाता है बीमा प्रीमियम
फसल ऋण लेने वाले किसानों से सीधे बीमा प्रीमियम राशि बैंकों से काट ली जाती है।
इसके बाद उनसे प्रीमियम राशि वसूल की जाती है।
दावा करने वाले किसान व दावा राशि
- वर्ष 2021-22 में 44 लाख किसानों को 9,996 करोड़ क्लेम देना है।
- वर्ष 2020-21 में 51 लाख किसानों को 7,790 करोड़ क्लेम मिला।
- वर्ष 2019-20 में 28 लाख किसानों को 655 करोड़ क्लेम मिला।
फैक्ट फाइल
- प्रदेश में एक करोड़ तीन लाख किसान हैं।
- वर्ष 2021-22 में 44 लाख किसानों ने बीमा का लाभ लिया
- वर्ष 2020-21 में 51 लाख किसानों को बीमा का लाभ मिला
- वर्ष 2019-20 में 28 लाख किसान को बीमा का लाभ
प्रदेश के ऐसे छोटे किसान जो कम जमीन रखते हैं, लेकिन अपनी फसल का बीमा नहीं करा पाते हैं।
उनके लिए विभाग स्तर पर रोडमैप बनाया जा रहा है। इस संबंध में सीएम से चर्चा भी हुई है।
संभावना है कि ऐसे किसानों का बीमा प्रीमियम सरकार भरेगी। – कमल पटेल, मंत्री, कृषि
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