हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

कैसा है ये खाद, असली या नकली? किसान भाई ऐसे जाने

मिटटी की उर्वरकता बढ़ाने के लिए खाद का प्रयोग किया जाता है. कई बार नकली खाद किसान को फायदे के बजाय नुकसान पहुंचा देता है. इसलिए इसके नकली और असली की पहचान होनी चाहिए.

 

खाद असली है या नकली?

खेतों के लिए मिटटी की उर्वरकता बेहद महत्वपूर्ण होती है. मिटटी अच्छी न होेने पर फसल अच्छी नहीं हो पाती है.

बंजर भूमि में इन्हीं पोषक तत्वोें का अभाव होता है. ऐसे में किसान पोषक तत्वों की भरपाई के लिए खाद का प्रयोग करता है.

हर साल देश में लाखों टन खाद का इस्तेमाल फसलों को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है. केंद्र सरकार भी खरीद पर सब्सिडी देती है.

वहीं, बाजार में भी कई तरह के खाद बिक रहे हैं. ऐसे में ये पहचानना भी जरूरी हो जाता है कि कौन सा खाद असली है और कौन सा नकली?

 

यूरिया

यूरिया देश मेें सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला खाद है. इसके दाने सफेद चमकदार और लगभग सामान शेप मेें होने चाहिए.

पानी में पूरी तरह घुल जाता है. इस घोल को छूने पर ठंडे पन का अहसास होता है.

तवे पर गर्म करनेे से ये पिघल जाता है. आंच तेज करने पर इसका कोई अवशेष नहीं बचता है.

यह भी पढ़े : देखे विडियो – खेत से पत्थर चुनने वाली आधुनिक मशीन

 

पोटाश

सफेद कड़ाका इसकी पहचान होती है. इसका मिश्रण नमक और लाल मिर्च जैसा होता है.

पोटाश के दानों को गर्म करने पर ये आपस में नहीं चिपकते हैं तो यही इसके असली होने की पहचान होती है.

पानी में घोलने पर इसका लाल भाग पानी पर तैरने लगता है.

 

जिंक सल्फेट

दाने हल्के सफेद पीले और भूरे होते हैं. यह बेहद बारीक होता है. जिंक सल्फेट में मैगनीशियम सल्फेट मिलाया जाता है.

हालांकि इसकी पहचान करना मुश्किल थोड़ा मुश्किल होता है.

फिर भी डीएपी के घोल मे जिंक सल्फेट का घोल मिलाने पर थक्केदार घना अवशेष बनाया जाता है.

वहीं, डीएपी के घोल में मैगनीशियम सल्फेट मिलाने पर ऐसा नहीं होता है.

डीएपी

डीएपी में तंबाकू की तरह चूना मिलाकर मलें. इसमें से इतनी तेज गंध आती है कि ब्रेन बर्दाश्त नहीं कर पाता है.

वहीं, तेज आंच वाले तवे पर गर्म करने पर इसके दाने फूलने लगते हैं.

इसके दाने कुछ कठोर, भूरे काले और बादामी रंग के होते हैं. यह नाखून से नोचने पर आसानी से टूटता नहीं है.

 

सुपर फास्फेट

सुपर फास्फेट को गर्म करने पर इसके दाने फूलने लगते हैं तो यह नकली है.

यदि नहीं फूलना ही इसके असली होने की पहचान है.

इसके दाने कठोर, भूरे, काले और बादामी रंग के होते हैं. यह नाखूनों से भी नहीं टूटता है.

यह भी पढ़े : खेती बाड़ी के लिए नहीं है पैसा तो चिंता न करें, सरकार करेगी मदद