रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 2022-23
केंद्र सरकार ने रबी फसल की बुवाई से पहले रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी कर दिया है|
यह न्यूनतम समर्थन मूल्य आगामी रबी सीजन वर्ष 2022–23 के लिए जारी किया गया है|
केंद्र सरकार ने इस वर्ष का न्यूनतम समर्थन मूल्य में लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा देने की बात कही है|
कुछ फसलों जैसे गेहूं में लागत का 100 प्रतिशत, मसूर में लागत का 79 प्रतिशत, चना में लागत का 74 प्रतिशत, जौ में लागत का 60 प्रतिशत तथा कुसुम में लागत का 50 प्रतिशत देने की बात कही गई है|
MSP में कितने रुपयों की वृद्धि की गई
पिछले वर्ष के एमएसपी में मसूर की दाल और कैनोला (रेपसीड) तथा सरसों में उच्चतम संपूर्ण बढ़ोतरी (प्रत्येक के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल) करने की सिफारिश की गई है।
इसके बाद चने (130 रुपये प्रति क्विंटल) को रखा गया है।
पिछले वर्ष की तुलना में कुसुम के फूल का मूल्य 114 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है।
कीमतों में यह अंतर इसलिए रखा गया है, ताकि भिन्न-भिन्न फसलें बोने के लिये प्रोत्साहन मिले।
विपणन मौसम 2022-23 के लिए सभी रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (रुपये/क्विंटल में)
फसल | MSP (2021 – 22) | MSP (2022 – 23) | MSP में बढ़ोतरी |
गेहूं | 1975 | 2015 | 40 |
जौ | 1600 | 1635 | 35 |
चना | 5100 | 5230 | 130 |
दाल (मसूर) | 5100 | 5500 | 400 |
कैनोला और सरसों | 4650 | 5050 | 400 |
कुसुम के फूल | 5327 | 5441 | 114 |
फसलों की उत्पादन लागत किस आधार पर जोड़ी गई है ?
सरकार का कहना है कि सभी फसलों पर लागत का 50 प्रतिशत से अधिक मुनाफ किसानों को दिया जा रहा है|
कुछ फसलों पर तो 100 प्रतिशत के मुनाफे की बात भी कही गई है| फसलों की लागत मूल्य जोड़ने का विवरण जारी किया है जो इस प्रकार है|
कुल लागत का उल्लेख का मतलब, जिसमें चुकाई जाने वाली कीमत शामिल है, यानी मजदूरों की मजदूरी, बैल या मशीन द्वारा जुताई और अन्य काम, पट्टे पर ली जाने वाली जमीन का किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई शुल्क, उपकरों और खेत निर्माण में लगने वाला खर्च, गतिशील पूंजी पर ब्याज, पम्प सेटों इत्यादि चलाने पर डीजल/बिजली का खर्च इसमें शामिल है|
इसके अलावा अन्य खर्च तथा परिवार द्वारा किये जाने वाले श्रम के मूल्य को भी इसमें रखा गया है|
क्या है रबी फसलों के उत्पादन में आने वाला खर्च
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने फसलों के MSP जारी करते हुए फसलों का लागत मूल्य जारी किया है|
केंद्र सरकार के अनुसार गेहूं का लागत मूल्य 1008 रुपये प्रति क्विंटल, जौ का लागत मूल्य 1019 रुपया प्रति क्विंटल, चना का लागत मूल्य 3004 रुपया प्रति क्विंटल, दाल (मसूर) का लागत मूल्य 3079 रुपया प्रति क्विंटल, कैनोला और सरसों का लागत मूल्य 2523 रुपया प्रति क्विंटल, कुसुम के फूल का लागत मूल्य 3627 रुपये प्रति क्विंटल है|
इन योजनाओं के तहत की जाती है MSP पर खरीदी
किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी के लिए कई योजनायें चलाई जा रही है,जिसके तहत देश भर के किसानों से विभिन्न फसलों को ख़रीदा जाता है|
‘प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ (पीएम-एएएसएचए) नामक ‘अम्ब्रेला स्कीम’ की घोषणा सरकार ने 2018 में की थी।
इस योजना से किसानों को अपने उत्पाद के लिये लाभकारी कीमत मिलेगी।
इस अम्ब्रेला स्कीम में तीन उप-योजनाएं शामिल हैं, जैसे मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य न्यूनता भुगतान योजना (पीडीपीएस) और निजी खरीद व स्टॉकिस्ट योजना (पीपीएसएस) को प्रायोगिक आधार पर शामिल किया गया है।
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