किसान क्रेडिट कार्ड
सरकार की ओर से किसानों के लिए काफी लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है। उन्हीं योजनाओं में से एक किसान क्रेडिट कार्ड है।
किसान क्रेडिट कार्ड यानि केसीसी बनवाने पर किसानों को बहुत ही कम ब्याज दर पर बैंक से ऋण मिलता है।
सरकार चाहती है कि देश के अधिक से अधिक किसानों के क्रेडिट कार्ड बने ताकि उन्हें कृषि कार्यों के लिए बैंकों से सस्ता कर्ज मुहैया कराया जा सके।
लेकिन कई बार ऐसी खबरें सुनने और पढऩे में आती है कि बैंक किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी करने में आनाकानी कर रहे हैं।
कई किसानों का आरोप है कि उन्हें क्रेडिट कार्ड बनवाने में काफी पेरशानी हो रही है। बैंक भी उनका क्रेडिट कार्ड बनाने में आनाकानी कर रहे हैं।
यदि आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं।
किसान के लिए क्रेडिट कार्ड क्यों है जरूरी
किसान क्रेडिट कार्ड किसानों के लिए बहुत जरूरी है। इसकी मदद से किसान बिना गारंटी के 1.60 लाख रुपए का ऋण बैंक से ले सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड से अधिकतम पांच लाख रुपए तक का लोन लिया जा सकता है।
किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए न सिर्फ आसान शर्तों पर कर्ज मिलता है, बल्कि ब्याज में भी बड़ी छूट मिलती है।
यदि बैंक करें आनाकानी तो क्या करें
अक्सर सुनने में आता है कि अमुक बैंक किसान का क्रेडिट कार्ड बनाने में आनाकानी कर रहा है।
इस संबंध में किसानों द्वारा कई बार बैंक पर आरोप लगाए जाते हैं कि बैंक केसीसी बनाने में आनकानी कर रहे हैं।
इससे उन्हें कार्ड बनवाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यदि बैंक केसीसी बनाने में आनकानी कर रहे हैं तो किसानों को इस बात से परेशान होने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है। आप इसकी शिकायत कर सकते हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के मुताबिक बैंक को किसान के केसीसी के लिए आवेदन करने के 15 दिन के भीतर यह कार्ड जारी करना जरूरी होता है।
अगर 15 दिन के भीतर कार्ड जारी नहीं किया जाता है तो आप बैंक के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं।
केसीसी नहीं बनने पर किसान यहां करें शिकायत
किसानों को केसीसी बनवाने में परेशानी आ रही है या वे बैंक के रवैये से परेशान हैं यानि केसीसी बनवाने से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या है तो आप बैंकिंग लोकपाल से संपर्क कर सकते हैं।
आप उस बैंकिंग लोकपाल को शिकायत करें, जिसके अधिकार क्षेत्र में बैंक की शाखा या कार्यालय स्थित है।
- इसके अलावा आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट के लिंक https://cms.rbi.org.in/ पर विजिट कर सकते हैं।
- वहीं, किसान क्रेडिट कार्ड हेल्पलाइन नंबर 0120-6025109 / 155261 और ग्राहक ईमेल (pmkisan-ict@gov.in) के माध्यम से हेल्प डेस्क से भी संपर्क कर सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए किन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत
केसीसी के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति का आईडी प्रूफ जैसे वोटर कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि की आवश्यकता होती है।
एड्रेस प्रूफ के लिए आईडी प्रूफ का कोई भी दस्तावेज मान्य होगा।
ये बैंक जारी करते हैं किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी)
केसीसी किसी भी को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से हासिल किया जा सकता है।
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई)
- बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई)
- आईडीबीआई बैंक
- नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) रुपे केसीसी जारी करता है।
कौन कर सकता है केसीसी के लिए आवेदन
खेती-किसानी, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति केसीसी के लिए आवेदन कर सकता है।
केसीसी के लिए आवेदन की न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम 75 साल निर्धारित की गई है।
यदि किसान की उम्र 60 साल से अधिक है तो एक को-अप्लीकेंट भी लगेगा।
किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण लेने पर कितना लगता है ब्याज
केसीसी के तहत 3 लाख रुपए तक का कर्ज सिर्फ 7 फीसदी ब्याज पर मिलता है।
समय पर पैसा लौटा देते हैं तो 3 फीसदी की छूट मिलती है। इस तरह ईमानदार किसानों को 4 फीसदी ब्याज पर ही ऋण उपलब्ध हो रहा है।
किसान क्रेडिट कार्ड से मिलने वाली अन्य सुविधाएं या लाभ
- केसीसी खाते में लोन पर बचत बैंक की दर से ब्याज दिया जाता है।
- केसीसी कार्डधारकों के लिए मुफ्त एटीएम सह डेबिट कार्ड उपलब्ध कराया जाता है।
- भारतीय स्टेट बैंक किसान कार्ड नाम से डेबिड/एटीएम कार्ड देता है।
- केसीसी के लोन पर फसल बीमा की कवरेज मिलती है।
- पहले साल के लिए लोन की मात्रा कृषि लागत, फसल के बाद के खर्च और जमीन की लागत के आधार पर तय की जाती है।
कौन बनवा सकता है किसान क्रेडिट कार्ड
व्यक्तिगत खेती या संयुक्त कृषि कर रहे किसान इसके लिए पात्र माने गए हैं।
इसके अलावा पट्टेदार, बटाईदार किसान और स्वयं सहायता समूह भी इसका लाभ ले सकते हैं। बता दें अब केसीसी सिर्फ खेती-किसानी तक सीमित नहीं है।
पशुपालन व मछलीपालन के लिए भी इस योजना के तहत 2 लाख रुपए तक का कर्ज मिल सकेगा।
खेती-किसानी, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति, भले ही वो किसी और की जमीन पर खेती करता हो, इसका लाभ ले सकता है।
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