देश के अधिकतर किसान फल और सब्जियों की खेती करना पंसद कर रहे हैं, इनमें सबसे अधिक कटहल की खेती की जा रही है. किसानों के लिए कटहल की खेती लगाने को काफी लाभदायक माना जाता है, क्योंकि इससे सालों साल मोटी कमाई हो सकती है.
भारत के किसान अच्छी कमाई के लिए पारंपरिक खेती से हटकर गैर-पारंपरिक खेती में अपना हाथ अजमा रहे हैं और इसमें सफल भी हो रहे हैं.
देश के अधिकतर किसान फल और सब्जियों की खेती करना पंसद कर रहे हैं, इनमें सबसे अधिक कटहल की खेती की जा रही है.
किसानों के लिए कटहल की खेती को काफी लाभदायक माना जाता है, क्योंकि इससे सालों साल मोटी कमाई हो सकती है.
कटहल का पौधा लगाने के बाद किसानों को इनका 2 से 4 साल तक रखरखाव और मेंटेनेंस करना होता है, जिसके बाद फल आने शुरू हो जाते हैं और अच्छी कमाई होती है.
इसके लिए ना तो किसानों को दवाई की आवश्यकता होती है और ना ही किसी मेंटेनेंस की. साथ ही मौसम परिवर्तन या फिर आंधी तूफान का भी कोई असर नहीं होता है.
यहां जानें सबकुछ
भारत में किसान कटहल की खेती दो प्रकार से करते हैं, एक जिसमें कटहल के पौधों को खेत के किनारे पर बनी मेढ़ पर 8 से 10 फीट के अंतर से लगा सकते हैं.
वहीं दूसरा जिसमें खेत में निश्चित दूरी का ध्यान रखते हुए लगाया जाता है.
यदि आप दूसरी विधि से कटहल की खेती करते हैं, तो इसके खेत में गेहूं, चना, अरहर, सोयाबीन, उड़द, मक्का या कोई भी अन्य सह फसल आसानी से लगा सकते हैं.
उम्र के साथ बढ़ेगा उत्पादन
आपको बता दें, कटहल का पौधा लगने के लगभग 5 सालों बाद फल देना शुरू करता है. शुरुआत में इसका पौधा 200 से 300 किलोग्राम तक उत्पादन देता है.
लेकिन 10 वर्ष पुराना होने के बाद इसकी फल देने की क्षमता लागतार बढ़ती जाती है और इसका एक पेड़ लगभग 500 से 600 किलोग्राम तक फल का उत्पादन करता है.
बता दें, कटहल के पौधे से प्राप्त होने वाले सबसे छोटे फल का 3 किलो और सबसे बड़े फल का अधिकतम 25 किलोग्राम तक वजन हो सकता हैय़ कटहल के पेड़ की उम्र लगभग 100 वर्ष होती है.
खेत में लगाए कटहल के पौधे
यदि आप भी अपने खेत में कटहल की खेती करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको लगभग 3 फीट लंबा 3 फीट चौड़ा और 3 फीट ही गहरा खड्डा खोद लेने हैं.
अब आपको इन खड्डो की दीवारों पर 2 किलो चुना पाउडर और इतना ही नीम पाउडर लेकर छिड़काव कर देना है.
इसके बाद आपको 15 दिनों के लिए इसे खाली ही छोड़ देना है. इसके बाद वर्मी कंपोस्ट, मिट्टी और लगभग बालू का मिश्रण बनाकर इन खड्डे में भर देना है.
अब इसका सेंटर देखकर बीज या नर्सरी में तैयार पौधे को लगाना है. इसके बाद, कुछ ही दिनों में इसका पौधा तैयार हो जाता है और 5 साल बाद इसमें फल आने शुरू हो जाते हैं.
बात दें, मार्केट में कटहल के 1 किलो का भाव लगभग 50 से 60 रूपये किलो तक बिकता है.
कटहल का उपयोग
कटहल का इस्तेमाल सबसे अधिक सब्जी और अचार बनाने के लिए किया जाता है. लेकिन अब इसका पाउडर भी बनना शुरू हो गया है.
इसका पाउडर डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी लाभदायक माना जाता है. विदेशों में भी अब इसकी काफी अच्छी खासी डिमांड रहने लगी है.
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