अनुदान पर सोलर रूफटॉप संयंत्र
सोलर रूफटॉप के लगाने से एक ओर जहाँ ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलाता है वहीं दूसरी ओर जो उपभोक्ता अपने परिसर में सोलर रूफटॉप लगवाते हैं उनको बिजली बिलों में भी राहत मिलती है|
सौर उर्जा के अनेकों फायदे होने के चलते केंद्र सरकार द्वारा देश में “सोलर रूफटॉप योजना” चलाई जा रही है|
योजना के तहत लाभार्थी को सोलर सयंत्र की स्थापना पर सब्सिडी दी जाती है|
योजना का क्रियान्वयन राज्यों के विद्युत् वितरण कंपनियों के द्वारा किया जा रहा है|
देश में अधिक से अधिक लोगों को योजना से जोड़ने के लिए इन बिजली कंपनियों के द्वारा कई प्रयास किये जा रहे हैं|
ऐसा ही प्रयास मध्यप्रदेश के उर्जा विभाग द्वारा किया जा रहा है, मध्यप्रदेश में लोगों को योजना के विषय में जानकारी देने के लिए 23 एवं 24 अगस्त को सोलर रूफटॉप की जन-जागृति के लिए अमृत महोत्सव बनाने का फैसला लिया है|
सब्सिडी पर मात्र 37,000 रुपये में लगवाएं अपने घर पर सोलर पैनल
23 एवं 24 अगस्त को मनाया जायेगा सोलर रूफटॉप अमृत महोत्सव
योजना के तहत देश के अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए भारत सरकार के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय एवं मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के अंतर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर द्वारा 23 एवं 24 अगस्त को सोलर रूफटॉप की जन-जागृति के लिए अमृत महोत्सव मनाया जाएगा।
महोत्सव में राज्य की तीनों वितरण कंपनियों द्वारा सोलर रूफटॉफ के लिए उपभोक्ताओं में जन-जागृति के लिए कार्यक्रम, सेमिनार और शिविर आयोजित किये जाएंगे।
150 से अधिक कैंप लगाये जाएंगे
महोत्सव में भोपाल सहित मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों में ग्रुप हाउसिंग सोसायटी/रेसिडेन्सीयल वेलफेयर एसोसिएशन के माध्यम से 150 से अधिक कैम्प आयोजित किये जाना है।
भोपाल शहर में लगभग 32 परिसरों में सोलर रूफटॉफ को बढ़ावा देने के लिए कैम्प आयोजित किये जा रहे हैं।
इस मौके पर 24 अगस्त को आईएएस गेस्ट हाउस, चार इमली में भी जन-जागृति शिविर लगाया जाएगा।
सोलर रूफटाप पैनल से होने वाले लाभ
अपने घर/ग्रुप हाउसिंग सोसायटी की छत/लगी हुई खुली जगह पर सोलर पैनल लगायें और बिजली पर होने वाले खर्च को बचायें।
सोलर पैनल से बिजली 25 साल तक मिलेगी और इसके लगाने के खर्च का भुगतान 4-5 वर्षों में बराबर हो जाएगा।
इसके बाद अगले 20 वर्षों तक सोलर से बिजली का लाभ सतत् मिलता रहेगा।
इससे कार्बन फुटप्रिंट कम होगा और पर्यावरण को लाभ मिलेगा। 1 कि.वा. सौर ऊर्जा के लिए लगभग 10 वर्ग मीटर की जरूरत होती है।
सोलर पैनल योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी
भारत-सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रदेश के घरेलू उपभेक्ताओं द्वारा स्थापित 3 किलोवाट क्षमता तक के संयंत्रों पर 40 प्रतिशत अनुदान तथा 3 किलोवॉट से 10 किलोवाट क्षमता तक 20 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध करवायी जा रही है।
इन सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से प्रति किलोवॉट प्रति दिवस लगभग 4 यूनिट विद्युत का उत्पादन होता है तथा उपभोक्ता द्वारा व्यय की गई समस्त राशि लगभग 4 वर्ष में वसूल हो जाती है तथा संयंत्र की आयु लगभग 25 वर्ष होती है।
इन संयंत्रों की स्थापना के उपरांत 5 वर्ष तक रख-रखाव की जिम्मेदारी भी निगम के अनुमोदित वेंडर्स की होती है।
सोलर रूफटॉप पर कीमत कितनी आएगी
- 1 कि.वा. से ऊपर – 3 कि.वा. तक – रू. 37000/- प्रति कि.वा.
- 3 कि.वा. से ऊपर -10 कि.वा. तक – रू. 39800/- प्रति कि.वा.
- 10 कि.वा. से ऊपर -100 कि.वा. तक – रू. 36500/- प्रति कि.वा.
- 100 कि.वा. से ऊपर -500 कि.वा. तक – रू. 34900/- प्रति किवा.
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कहा है कि उक्त राशि में सब्सिडी शामिल है, सब्सिडी घटाकर एजेन्सी को भुगतान की जाने वाली राशि 3 कि.वा. हेतु 66,600 रुपये और 5 कि.वा. 1,35,320 रुपये है। ग्रुप हाउसिंग सोसायटी को कॉमन सुविधा वाले संयोजन पर 500 कि.वा. तक (10 कि.वा. प्रति घर) 20 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी।
अनुदान पर पर सोलर सयंत्र हेतु आवेदन कहाँ करें
इच्छुक व्यक्तियों को अपने क्षेत्र से संबंधित डिस्कॉम या बिजली कार्यालय में जाकर सम्पर्क कर आवेदन कर सकते हैं|
अधिक जानकारी के लिए, संबंधित डिस्कॉमसे संपर्क करें या एमएनआरई के टोल फ्री नंबर 1800-180-3333 पर डायल करें।
मध्यप्रदेश में इच्छुक व्यक्ति कंपनी द्वारा अधिकृत एजेंसी, तकनीकी विवरण, सब्सिडी एवं भुगतान की जाने वाली राशि की जानकारी हेतु मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के निकटतम कार्यालय, कंपनी की वेबसाईट portal.mpcz.in के मुख्य पृष्ठ पर देखें या टोल फ्री नंबर 1912 पर संपर्क करें।
यह भी पढ़े : मध्य प्रदेश में क्या है बारिश का पूर्वानुमान
यह भी पढ़े : इन राज्यों में सोयाबीन की फसल में लग सकते हैं यह कीट एवं रोग
शेयर करे