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एमएसपी पर फसल बेचना है तो करवाईए रजिस्ट्रेशन

 

किसानों के लिए खुशखबरी

 

मध्य प्रदेश में 15 सितंबर से शुरू होगा धान, ज्वार और बाजरा खरीद का रजिस्ट्रेशन, बटाईदार किसानों के लिए कंडीशन अप्लाई. जानिए इसके बारे में सबकुछ.

 

मध्य प्रदेश सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद के लिए तैयारी शुरू कर दी है.

धान, ज्वार एवं बाजरा खरीद के लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.

इसकी शुरुआत 15 सितंबर से होगी और 14 अक्टूबर तक चलेगी. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने इस बात की जानकारी दी है.

समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए धान का न्यूनतम मूल्य 1940, ज्वार का 2738 एवं बाजरा 2250 रुपये प्रति क्विंटल होगा.

जिला स्तर पर होने वाला यह रजिस्ट्रेशन भू-अभिलेख के डाटाबेस के आधार पर किया जाएगा.

किसानों की सहूलियत के लिए प्रदेश में 1718 रजिस्ट्रेशन केंद्र बनाए गए हैं. बिना रजिस्ट्रेशन के खरीद नहीं होगी.

 

रजिस्ट्रेशन का सरलीकरण

किदवई ने बताया कि किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को और अधिक सरल किया गया है.

किसान अब अपना रजिस्ट्रेशन डाटा एंट्री के अलावा एमपी किसान ऐप, प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाओं एवं विगत खरीफ वर्ष में खरीद करने वाले महिला स्व-सहायता समूह एवं एफपीओ (FPO) द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र से भी करा सकेंगे.

इसके अलावा सिकमीदार एवं वनाधिकार पट्टाधारी अपना पंजीयन समिति, एफपीओ, महिला स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित केंद्रों में ही यह काम करा सकेंगे.

 

नए रजिस्ट्रेशन के लिए किसानों को इन दस्तावेज को देना होगा

  • वनाधिकार पट्टाधारी/सिकमीदार किसानों को वन पट्टा एवं सिकमी अनुबंध की प्रति उपलब्ध करानी होगी.
  • उपज बिक्री के लिए किसान से 3 संभावित तारीख ली जाएंगी. इसे रजिस्ट्रेशन के वक्त दर्ज किया जाएगा.
  • किसानों को भुगतान जेआईटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में किया जाएगा.
  • इसलिए केवल राष्ट्रीयकृत एवं जिला केंद्रीय बैंक की शाखाओं के एकल खाते ही मान्य होंगे.
  • किसान को बोई गई फसल की किस्म बतानी होगी.
  • रकबा तथा विक्रय योग्य मात्रा, फसल के भंडारण स्थान की जानकारी भी आवेदन में दर्ज करानी होगी.

 

पुराने रजिस्टर्ड किसानों को छूट

  • जिन किसानों ने खरीफ एवं रबी के मौसम में ई-उपार्जन पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया था, उन्हें फिर से दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी.
  • ऐसे किसानों द्वारा पिछले साल दिए गए आधार कार्ड और बैंक पासबुक के आधार पर रजिस्टेशन किया जा सकेगा.

 

सिकमी या बटाईदार किसानों के लिए ये है शर्त

  • सिकमी एवं बटाईदार श्रेणी के ऐसे किसान फसल खरीद के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिनके पास कुल रकबा 5 हेक्टेयर से अधिक नहीं होगा.
  • ऐसे किसानों के अनुबंध की एक प्रति रजिस्ट्रेशन कराने वाले व्यक्ति या कृषक द्वारा संबंधित तहसीलदार को उपलब्ध कराना होगा.
  • रजिस्ट्रेशन के समय सिकमी/बटाईदार के साथ मूल भू-स्वामी के आधार नंबर की जानकारी भी ली जाएगी.
  • रजिस्ट्रेशन के लिए 15 अगस्त 2021 तक कराए गए अनुबंध ही मान्य होंगे.

 

सत्यापन कैसे होगा

  • किसान गिरदावरी में दर्ज भूमि का रकबा एवं बोई गई फसल से संतुष्ट न होने पर रजिस्ट्रेशन के पूर्व संशोधन हेतु गिरदावरी में दावा-आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.
  • आपत्ति का निराकरण होने एवं ई-उपार्जन पोर्टल पर किसान की संशोधित जानकारी आने पर ही रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा.
  • ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों के रकबा, फसल एवं किस्म का सत्यापन एसडीओ या नायब तहसीलदार करेंगे.

 

पारदर्शिता के लिए होगा यह काम

रजिस्टर्ड किसानों की सूची रकबा एवं फसल की जानकारी अवलोकन के लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत कार्यालय एवं रजिस्ट्रेशन केंद्र पर चस्पा की जाएगी.

इससे हर कोई यह जान पाएगा कि किसने कौन सी फसल कितने क्षेत्र में बोई है और उसका रजिस्ट्रेशन कितने क्षेत्र का हुआ है.

 

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