खाते के संचालन पर भी रोक नहीं
कालातीत या मध्यावधि में परिवर्तित ऋण के अलावा कोई वसूली नहीं की जा सकती।
प्रधानमंत्री फसल बीमा की राशि से किसानों के कर्ज की वसूली नहीं की जाएगी। कालातीत और मध्यावधि में परिवर्तित ऋण के अलावा कोई वसूली नहीं की जा सकती है।
चालू ऋण के समायोजन के लिए पहले किसान से सहमति लेनी होगी। इसके आधार पर ही राशि काटी जाएगी।
यदि बीमा राशि से कोई अतिरिक्त राशि काटी गई है तो उसे वापस किसानों के खाते में जमा करना होगा।
किसानों के विरोध को देखते हुए सोमवार को यह आदेश सहकारिता आयुक्त संजय गुप्ता ने जारी किए।
फसल बीमा मिला
प्रदेश में इस बार 49 लाख 85 हजार 24 किसानों को खरीफ 2020 और रबी 2020-21 का सात हजार 618 करोड़ रुपये से अधिक का फसल बीमा मिला है।
यह राशि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी किसानों के खातों में सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित कर दी।
इस राशि से जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अपने ऋण की वसूली कर रहे थे।
इसको लेकर किसानों ने विरोध जताया क्योंकि अधिकांश किसान डिफाल्टर नहीं थे।
बैंक कार्रवाई कर रहे थे
नियम भी यही है कि कालातीत और मध्यावधि में परिवर्तित ऋण की वसूली की फसल बीमा की राशि से की जा सकती है।
चालू खाते से वसूली करने का प्रविधान नहीं है। इसके बाद भी बैंक कार्रवाई कर रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के नेताओं ने इस मुद्दे को उठाते हुए किसानों को परेशान करने का आरोप लगाया था।
विधानसभा के बजट सत्र में भी इस विषय को उठाने की तैयारी की गई है।
पहले किसान से सहमति लेनी होगी
इसे देखते हुए सहकारिता विभाग ने सोमवार को सभी बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे फसल बीमा की राशि से कालातीत और मध्यावधि में परिवर्तित ऋण के अलावा किसी ऋण राशि में समायोजन नहीं कर सकते हैं।
यदि मौजूदा ऋण का समायोजन करना है तो इसके लिए पहले किसान से सहमति लेनी होगी।
किसान के खाते के संचालन पर भी कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। यदि अतिरिक्त राशि काट ली गई है तो उसे किसान के खाते में वापस किया जाए।
source : naidunia
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